चांडिल। नीमडीह प्रखण्ड के तेतलों विलुप्त सबर जाति के अधारभूत सुविधा से बंचित की खबर के छपते ही प्रशासन हरकत में आयी। क्षेत्र के 34 परिवारों को विरसा आवास, पेंशन,राशन, बिजली की सुविधा उपलब्ध करनें के लिये चाण्डिल अनुमण्डल पदाधिकारी भगीरथ प्रसाद व नीमडीह बीडीओं द्वारा अनुसंशा कर जिला सरायकेला-खरसवॉ भेज दिया गया है । भुमिका स्थानीय विभिन्न समाजिक संगठन रीजनल स्टीड सेन्टर को दिया जाता है कि उक्त समस्या को पत्र-पत्रिका के माघ्यम से प्रसाशन को आकृर्षित किया । आज से रिजनल स्टीड सेन्टर विलुप्त सबर जाति को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एक विसाल कदम उठाया । सबर जाति के बंजर भूमि को चिन्हत कर बागवानी से जोड़कर स्वरोजगार से जोड़ने का पहल किया जा रहा है । सेन्टर के सचिव कर्मु मार्डी ने बताया की सबर के प्रति रिजनल स्टीड सेन्टर के बैनर तले युवा समाजिक संगठन के जुड़ने से सबर परिवार के उत्थान एवं विकास संभव है । सबसे बड़ी बात है कि प्रशासन, ग्रामीण भी इन विलुप्त जाति का उत्थान कर मुख्यधारा में जोड़ना चाहती है । ज्ञात हो की कई वर्षो से नक्सल के कुप्रभाव का भी शिकार ये सवर परिवार थे । उपस्थित कर्मु मार्डी सेन्टर के सचिव, उपमुखिया कालिपद गोप, महवीर मुर्मू, सुकलाल पहाड़िया, मनोज सिंह, गुरूचरण कुम्भकार, श्यामलमार्डी, नरायण गोप, मघु बेनजी एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे ।
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