सरायकेला-योग से ही मन का विकास संभव -आचार्य गुरिंदरआनंद अवधूत

70
AD POST

सरायकेला।

AD POST
आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आचार्य गुरिंदरआनंद  अवधूत ने बिरसानगर जोन नंबर 5 कांड्रा आनंद मार्ग स्कूल बी एस पब्लिक स्कूल सीनी जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट सीनी  योगासन ध्यान करवाया गया योग के बल पर ही भारत  दुनिया का विश्व गुरु बन सकता है योग भोग के लिए नहीं योग परमात्मा की प्राप्ति के लिए है आत्मा का परमात्मा से मिलन का प्रयास से  योग है आचार्य   पूर्ण देवा नंद अवधूत ने  योगासन का अभ्यास करवाया ध्यान के विषय में बताते हुए कहा कि बुद्धिमान मनुष्य शैशव काल से ही ध्यान करें तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि मनुष्य का शरीर दुर्लभ है उससे भी अधिक दुर्लभ है वह जीवन साधना करने के द्वारा सार्थक हुआ है  कोई मनुष्य अगर सोचे कि बुढ़ापे में ध्यान करें साधना करेंगे या बहुत ही बड़ी भूल होगी बुढ़ापा हर मनुष्य के जीवन में नहीं आएगा यह भी हो सकता है कि कल का सूर्योदय हर जीवन में ना हो इसलिए कोई भी काम कल के लिए नहीं छोड़ना चाहिए जो कुछ भी अच्छा काम करने की इच्छा होती है तुरंत कर लेना चाहिए मनुष्य में थोड़ा बहुत ज्ञान थोड़ी बहुत बुद्धि का उदय होता है चार पांच साल की उम्र में ही सही साधना मार्ग में आ जाना चाहिए ध्यान के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि ध्यान करने से मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More