लू बीमारी नही फिर भी लेती है जान

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गर्मियों के मौसम मे लू चलना आम बात है लू के समय तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेट से भी ऊपर चली जाती है लू लगाने का प्रमुख कारण शरीर मे नमक और पानी की कमी है । पसीना के रूप मे शरीर से बहुत सारा पानी बाहर निकाल जाता है और खून की गर्मी बढ्ने लगती है जिस कारण शरीर मे खून की गति बढ्ने लगती है शरीर मे ऐंठन तथा शरीर का तापमान बढ्ने लगता है जिससे अचानक बेहोशी और कभी कभी मौत भी हो जाती है

हर साल लू के कारण न जाने कितने ही अपनी जान से हाथ धो बैठते है पिछले कुछ दिनो से बिहार का लू जो आलम है वह किसी से छिपी नहीं है बिहार मे ही नही देश के कई राज्यो का यही हाल है अगर गर्मियों मे कुछ बाटो का ख्याल रखा जाए तो लू से आसानी से निपटा जा सकता है।

लू से बचाने का सबसे आसान तरीका है की शरीर को डिहाइट्रेड होने से बचाए –गर्मियों मे जरूरी है की पर्याप्त मात्र मे पानी पिया जाये जिसमे शरीर की गर्मी ही नहीं विषैले पदार्थ भी बाहर निकाल जाए साधारण पानी मे थोड़ा नमक ,चीनी और नीबू निचोर कर पीने से डिहाइट्रेशन से जल्द ही छुटकारा मिल जाता है

छाछ  भी गर्मियों के लिए अमृत माना गया है छाछ मे काला नमक और भुने जीरे का पाउडर डालकर पीना शरीर के लिए काफी लाभ प्रद है छाछ कब्ज और मोटापा को दूर करने का कारगर नुस्खा है

गर्मियों मे मौसमी फल भी अहम भूमिका निभाते है शरीर को तारो ताजा रखने के लिए इसलिए जितना हो सके फलो सा सेवन करे । इसमे पोषक तत्व तो होते ही है साथ ही ये शरीर को ठंढक भी पाहुचाता है इसलिए हमे गर्मियों मे तरबूज , खबुज, ककड़ी , खीरा , नारियल पानी ,बेल इत्यादि का सेवन जरूर करना चाहिए

इसके साथ ही हमे कोशिश करनी चाहिए की बाहर जाने से बचे अगर जरूरत है  तो छाता टोपि धूप का चश्मा इत्यादि इस्तमाल करे ताकि की धूप के प्रभाव को कम किया जा सके

 

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