राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में डॉ. विजय कुमार विनायक डोंगरे और प्रोफेसर गुवोचेंग झांग को वर्ष 2013 के लिए अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें यह पुरस्कार कुष्ठ रोग उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज समय की आवश्यकता है कि कुष्ठ रोग के मामलों का शीघ्र पता लगाने के प्रयास तेज किए जाएं। उन्होंने कहा कि वर्षों से कुष्ठ रोग मानवता के माथे पर एक कलंक है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा स्थिति की बजाय यह रोग एक सामाजिक समस्या अधिक है। श्री मुखर्जी ने कहा कि ऐसे लोगों का सशक्तीकरण किया जाना चाहिए, जिनका कुष्ठ रोग के कारण सामाजिक बहिष्करण किया गया है। इसके लिए सूचना और शिक्षाप्रद कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कुष्ठ रोग उन्मूलन में योगदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार पाने वालों- प्रोफेसर गुवोचेंग झांग और डॉ. विजय कुमार विनायक डोंगरे को हार्दिक बधाई दी। श्री मुखर्जी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की विशेषज्ञ समिति ने 2020 तक कुष्ठ रोग के नए रोगियों की दर कम करके 10 लाख पर एक, करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार की शुरूआत गांधी मेमोरियल लेप्रोसी फाउंडेशन द्वारा की गयी थी। कुष्ठ रोग के निवारण के लिए महात्मा गांधी की सेवा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को देखते हुए यह निर्णय किया गया था। फाउंडेशन द्वारा एक वर्ष छोड़कर दो पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को दिए जाते हैं, जिन्होंने कुष्ठ रोग से निपटने के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया हो।
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