रांची।
रिम्स में महज 50 रुपये कम होने के कारण एक साल के मासूम बच्चे श्याम की मौत मामले में रघुवर सरकार में स्वास्थ मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने बेहद गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है. मंत्री जी से जब पूछा गया की इतने कम पैसे के अभाव में किसी की जान कैसे ली जा सकती है. कोई सरकारी डॉक्टरों की मनमानी पर लगाम क्यों नहीं लगाता. इसपर जवाब देते हुए स्वास्थ मंत्री ने कहा ” खबर छापने वाले दस दस रुपया मिला कर इलाज क्यों नहीं करा दिया, उसकी जान बच जाती “. राज्य के इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठे जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा इस तरह का ब्यान वाक़ई व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है.
बताते चले की राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में पचास रुपये नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने एक साल के मासूम बच्चे श्याम का सिटी स्कैन करने से मना कर दिया था. जिससे उसका इलाज समय पर नहीं हो पाया. मजबूर होकर बेबस पिता जब सरकारी बाबुओ के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा था तभी उचित इलाज के अभाव में श्याम ने दम तोड़ दिया. श्याम के पिता पेशे से रिक्शा चालक है. और उन्होंने अपने पूरी कमाई बच्चे के इलाज में लगा दी थी. मगर कॅश काउंटर में पहुँचते ही पचास रुपये कम पड़ गए. जिसके बाद डॉक्टरों ने श्याम का सिटी स्कैन करने से मना कर दिया. उधर पूरे मामले से रिम्स प्रशासन पलड़ा झाड़ता नजर आया.
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