रांची।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार राज्य की महिलाओं को मालकिन बनाना चाहती है। झारखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां एक रूपये में महिलाओं के नाम पर सम्पति रजिस्ट्री हो रही है। वर्तमान में 80 प्रतिशत रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हो रही है। जिससे महिलाएं समपत्ति की मालकिन बन रही हैं। किसानों एवं महिला सखी मण्डलों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के भण्डारण के लिए प्रखण्ड स्तर पर गोदाम बनाए जाएंगे। प्रखण्ड स्तर पर सरकार द्वारा कोल्ड रूम स्थापित किये जा रहे हैं। महिला सखी मण्डलों को बैंक से ऋण सरलतापूर्वक मिले इस हेतु बैंको को निर्देश दिए जाएंगे। बैंक को निर्देशित किया जाएगा कि मुद्रा लोन इत्यादि महिला सखी मण्डलों को आसानी से मिले। मधुमक्खी पालन से जुड़े किसानों एवं महिला सखी मण्डलों को निःशुल्क मधुबाॅक्स उपलब्ध कराया जाएगा। पूरे राज्य में 2 लाख 50 हजार मधुबाॅक्स निःशुल्क वितरित किये जाएंगे। महिला सखी मण्डल बाजार की चिन्ता न करें। राज्य सरकार बाजार उपलब्ध करायेगी। नए-नए अर्बन हाॅट क साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर भी बाजार बनाया जा रहा है। वैसे महिला सखी मण्डल जो मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार करना चाह रहे हैं उन्हें एक रूपये के शुल्क पर सरकार द्वारा तालाब लीज दिये जाएंगे। तालाब चिन्हित कर संबंधित विभाग को अपना प्रस्ताव दें। महिला सखी मण्डलों द्वारा सैनेटरी नैपकिन का उत्पादन कराया जाएगा जिसे स्वास्थ्य विभाग खरीदेगी। प्रति वर्ष राज्य सरकार 21 करोड़ रूपये का सैनेटरी नैपकिन स्कूल की बच्चियों को निःशुल्क उपलब्ध कराती है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज जेएसएलपीएस द्वारा जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम धुर्वा में सखी मंडल से संवरता झारखंड कीे थीम पर आजीविका महिला महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि देश में प्राचीन काल से ही नारी शक्ति का स्थान उंचा रहा है। भारत विश्व का एक मात्र देश है जहां नारी शक्ति की पूजा होती है। देश में मां दुर्गा, मां काली, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती इत्यादि देवियों की पूजा की जाती है। आज के दिन हमसबों को यह संकल्प लेना चाहिए कि नारी शक्ति का सम्मान गर्व के साथ करें। भारत ही ऐसा देश है जहां सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। देश एवं राज्य में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना प्रशासन के साथ-साथ हमसब की जिम्मेदारी है। महिला के बिना परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती है। देश में पारिवारिक कुटुम्ब व्यवस्था को महिलाएं ही संभालती है। नारी परिवार की शक्ति है, इस शक्ति को राज्य एवं देश की शक्ति बनानी होगी।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी नारी सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में झारखण्ड के एक समाचार का जिक्र किया जो नारी शक्ति से जुड़ा है। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अंतर्गत झारखण्ड में लगभग 15 लाख महिलाओं ने संगठित होकर एक माह का स्वच्छता अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की इन महिलाओं ने दिखाया है कि नारी शक्ति, स्वच्छ भारत अभियान की एक ऐसी शक्ति है, जो सामान्य जीवन में स्वच्छता के अभियान को, स्वच्छता के संस्कार को प्रभावी ढंग से जन-सामान्य के स्वभाव में परिवर्तित कर रही हैं। झारखण्ड की महिलाओं की शक्ति को प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया के समक्ष रखने का काम किया। उन्होंने बताया कि कितने कम समय में यहां की महिलाओं ने 1.70 लाख शौचालय निर्माण का कार्य किया है। जो काफी प्रशंसनीय और सराहनीय कार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप महिला संगठनों के प्रयास से यह तय है कि 2018 तक झारखण्ड को खुले से शौचमुक्त (ओडीएफ) कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य और जिम्मेवारी है। तभी न्यू इंडिया का सपना पूरा होगा। झारखण्ड सरकार भी महिलाओं को आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त करने का कार्य कर रही है। राज्य की महिलाओं को छोटे-छोटे उद्योगों से जोड़ा जा रहा है। राज्य में अब रेडी टू ईट कार्यक्रम को भी महिला सखी मण्डलों द्वारा चलाया जाएगा। राईट टू ईट के तहत हर साल 400 करोड़ की राशि खर्च की जाती है। अण्डा उत्पादन में भी रोजगार की अच्छी संभवनाएं हंै। अण्डा उत्पादन से जुडें महिला समूहों को अब 4 लाख रूपये ऋण स्वरूप उपलब्ध कराये जाएंगे। उत्पादित अण्डों को गांव के विद्यालय समिति द्वारा खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्री, सचिव, अधिकारी सहित जेएसएलपीएस की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाती की गरीब महिलाओं को एसएचजी से जोड़कर स्वांबलम्बी बनाने का प्रतिबद्ध प्रयास किया है। आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाती के जीवन में बदलाव लाना सरकार की प्राथमिकता है। पूरा विश्वास है कि यह उदद्ेश्य जल्द ही पूरा होगा। गरीब परिवार की लड़कियां शिक्षा से बंचित न रहे विभाग यी सुनिश्चित करे। कार्यक्रम में 1100 करोड़ रूपय का चेक 70 हजार से अधिक सखी मण्डलों को दिए गए।
कार्यक्रम को संबोषित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्री नीलकण्ठ सिंह मुण्डा ने कहा कि सखी मंडल राज्य के 24 जिलों के सभी 200 प्रखंड में काम कर रही है। 6000 गांव में सखी मंडल का ग्राम संगठन और क्लस्टर लेवल की 200 शाखाएं बन चुकी है। इससे 15.50 लाख परिवार जुड़ चुका है। 15000 महिलाएं गांव में अपनी सर्विस देकर कमा रही हैं। कृषि, पशुपालन के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में सखी मंडल काम कर रही है। सखी मंडल की सदस्यों को विशेष ट्रेनिंग के साथ ही आर्थिक सहायता भी पहुंचाई गई है। झारखण्ड की महिलाएं खेल, शिक्षा और रोजगार सृजन सभी क्षेत्रों में आगे हैं। उन्होंने कहा महिलाओं को और अधिक जागरुक होने की जरुरत है। सशक्त नारी से ही सशक्त राज्य का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। महिलाओं के कल्याण के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। उन्होंनें महिलाओं से कल्याणकारी योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आने की बात कही। स्वच्छ मिशन क्षेत्र में भी राज्य की महिलाओं प्रशंसनीय कार्य किया है। माननीय प्रधानमंत्री ने भी झारखण्ड की महिलाओं की जमकर तारीफ की है। झारखण्ड की बहनें पूरे देश में रोल माॅडल बनकर उभरीं हंै। राज्य के प्रत्येक गांव के विकास में आधी आबादी भूमिका महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के नेतृत्व में महिला सखी मण्डलों को ऋण इत्यादि की सुविधाएं मिल रही हैं। पूरे राज्य में 2 लाख महिला सखी मण्डल का गठन करने लक्ष्य सरकार द्वारा रखा गया है। मनरेगा इत्यादि कार्यों में भी लोगों का विश्वास बढ़ा है।
कार्यक्रम के दौरान सखी मण्डल से संवरता झारखण्ड पर आधारित पुस्तक शक्ति पथ का विमोचन किया गया। साथ ही झार स्वाद (ईमली प्रडक्ट) लांच किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से हटिया विधायक श्री नवीन जयसवाल, खिजरी विधायक श्री राम कुमार पाहन, रांची मेयर श्रीमती आशा लकड़ा, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कल्याणी शरण, विशेष सचिव श्री पारितोष उपाध्याय सहित पूरे राज्य के 24 जिलों के सुदूर गांव से 25000 से ज्यादा सखी मंडल की महिलाएं शामिल थीं
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