पाकुड़ ।सदर प्रखंड के दर्जन भर से अधिक गाँवों में सियार आतंक का पर्याय बन चुके हैं ।गुरूवार की आधी रात को गंधायपुर पंचायत के हरिगंज गांव की एक बच्ची को सियारों ने नोच कर बुरी तरह जख्मी कर दिया ।गंभीर रूप से घायल बच्ची सदर अस्पताल ने बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया है ।बकौल बच्ची के पिता शाहिद शेख उनकी बेटी माहिया खातून अपनी माँ के साथ घर के बरामदे में सोई हुई थी ।रात करीब डेढ़ बजे सियार उसे उठाकर खेत की ओर भागने लगे ।उसके रोने की आवाज सुनकर माँ की नींद खुली तो टाॅर्च की रोशनी में देखा कि सियार उसे मुँह में दबा कर भाग रहे हैं ।उसके शोर मचाते ही शाहिद भी डंडा लेकर शोर मचाते हुए पीछा किया तो सियार बच्ची को छोड़ कर भाग गए ।घायल माहिया को तुरंत सदर अस्पताल पहुँचाया गया ।जहाँ उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गया ।फिलवक्त उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है ।उल्लेखनीय है कि गत 23 जुलाई की रात सदर प्रखंड के सांकारघाट गांव से सियारों के झुंड माँ के साथ सोए चार माह के एक बच्चे को उठा कर ले गए थे ।कुछ देर बाद जब नायमा बीबी की नींद खुली तो उसने बेटे को न देख शोर मचाया तो घर वालों समेत पड़ोसी भी जग गए ।खोजबीन शुरू की तो पाया कि सियारों का झुंड बच्चे को नोचकर खा रहे हैं ।लोग जब तक वहाँ पहुँचते तबतक सियार उसे आधा खा चुके थे ।लोगों ने बचे हुए हिस्से को ही लाकर दफना दिया ।हालात यह हैं कि शाम ढलते ही सदर प्रखंड के झिकरहाटी पूर्वी, पश्चिमी, गंधायपुर, उदयनारायणपुर, मेनकापाड़ा, सांकारघाट, दादपुर आदि गाँवों के लोग आदमखोर सियारों के झुंड से बचने के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं ।/ उधर इस संबंध में वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रेमजीत आनंद ने बताया कि हमने अपनी टीम को भेजा है ।यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर सियार अचानक इतने आक्रामक क्यों हो उठे हैं ।साथ ही कहा कि पीड़ित परिवार आवेदन देंगे तो उन्हें मुआवजा दिया जाएगा ।”उल्लेखनीय है कि सदर प्रखंड के इन इलाकों में बड़े पैमाने पर पटसन की खेती होती है ।सियारों के झुंड इन दिनों दिन के वक्त छुपे रहते हैं और अंधेरा होते ही शिकार को निकल पड़ते हैं ।
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