दरभंगा-धरोहरों को बचाने के लिए चाहि अपना नायक : राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव

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दरभंगा जक्शन पर लगेंगी रेलवे के इतिहास से जुडी तस्वीरे : डीआरएम समस्तीपुर
दरभंगा का आधारभूत संरचना सबसे बडी धरोहर : संजय सरावगी

अजय धारी सिंह

दरभंगा ।

मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि मिथिला के धरोहरों गौरवशाली थे, लेकिन वर्तमान अंधकार में है और निराशा पैदा करता है। मिथिला के लिए इतिहास देखने और कहने से अधिक जरुरी है, मिथिला में ऐसे समाज का निर्माण, जो इन चीजों को समझ सके और अपना ऐसा नायक चुन सके जो पटना और दिल्ली तक आवाज पहुंचा सके। उन्होंने कहा कि इसे बचाने के लिए मिथिला को नये नायक की जरुरत है।

श्री यादव आज दरभंगा के कामेश्वरनगर स्थित चौरंगी पर इसमाद के बैनर तले आम लोगों में धरोहर के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए प्रसिद्ध हैरिटेज फोटोग्राफर संतोष कुमार की तस्वीरों के उदघाटन के मौके पर बोल रहे थे।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित उपस्थित मधेपुरा के सांसद ने कहा कि बिना मिथिला के सहयोग से बिहार में कोई सरकार नहीं बनी , लेकिन राजनीतिक अचेतना के कारण यहां का नेतृत्व का निर्माण नहीं पाया। उन्होंने कहा कि दरभंगा ज्ञान की भूमि है। तक्षशीला जब अवसान पर था, तो दरभंगा ने ही धर्म और राजनीति को संरक्षित करने का काम किया है। आध्यात्म और ज्ञान की इस भूमि को फिर से जीवंत करने के लिए एक नैतिक मूल्य वाले समाज की जरुरत है जो आज हमारे सामने कहीं दिख नहीं रहा है। पप्पू यादव में कहा कि गरीब और गरीब हो रहे है। धरोहर के प्रति उनके मन में सम्मान है, लेकिन जीवन के झंझवात उन्हें इन सब चीजों पर सोचने का समय ही नहीं देता है। आज मिथिला का समाज मजदूरों का समाज बन गया है। ज्ञान का पलायन हो रहा है। युवा वर्ग भटक गये हैं। ऐसे में इन धरोहरों के प्रति चिंता अगर कुछ लोग कर रहे हैं तो यह प्रयास अच्छा है, लेकिन मैं केवल इस प्रयास से बहुत आशा नहीं पाल सकता।

अगर इन धरोहरों को सही मायने में हमें बचाना है तो समाज के हर आदमी के अंदर जो जीवन जीने के लिए संघर्ष है उसे खत्म करना होगा, समाज तभी इन सब चाजों की ओर देखने का समय निकाल पायेगा।
पप्पू यादव ने डीआरएम के सामने ही अगले दिनों के अंदर जयनगर से पाटलिपुत्र के लिए सीधी ट्रेन चलाने की घोषणा की।
दरभंगा के युवा विधायक और कार्यक्रम में गण्यमान्य अतिथि संजय सरावगी ने कहा कि हमारे इलाके के धरोहर की स्थिति दायनीय है और संरक्षण की जरुरत है। सरावगी ने कहा कि निश्चित रूप से दरभंगा राज के समय जो आधारभूत संरचना शहर को मिला वो हमारे लिए अनमोल है।
दरभंगा के प्रति जो यहां के लोगों का प्यार होना चाहिए वो नहीं दिखता है। शहर की सूरत बचाने के लिए हम सबको एक साथ आना होना और योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू कर के लिए हम इन्हें संरक्षित कर सकते हैं।
मधुबनी के विधायक समीर महासेठ ने कहा कि सडक और नाले के लिए केवल चिंता करने से शहर नहीं आगे बढ़ सकता है। इसके लिए एक समेकित विकास की जरुरत है। विभिन्न विभागों को बैठकर एक साथ शहरों के विकास के लिए योजना तैयार करना होगा। उन्होंने मिथिला के इतिहास को गौरवशाली बताते हुए कहा कि हम इन्हें बचाकर ही नव निर्माण कर सकते हैं।
समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आरके जैन ने कहा कि आज की प्रदर्शनी में प्रस्तुत रेल का इतिहास देखकर दरभगा की महत्ता समझा। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय को वो एतिहासिक नरगौना टर्मिनल के संरक्षण के लिए प्रस्ताव भेजेगे। साथ ही उन्होंने कहा कि दरभंगा जक्शन पर रेलवे के इतिहास से संबंधित तस्वीरों को लगाने की भी उन्होंने घोषणा की।
समारोह में बनैली राज परिवार से बाबू चिन्मयानंद सिंह ने कहा कि दरभंगा का पूर्णिया से बहुत पुराना रिश्ता है और ये तस्वीरे उसे रिश्ता को नया आयाम दे रही है।
दरभंगा की मेयर वैजयंती खेडिय़ा ने कहा कि मेयर के रूप में दरभंगा के लिए जो बन पायेगा वो करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि निगम अगर सक्षम हुआ तो अहमदाबाद नगर निगम की तरह दरभगा में भी अलग से हैरिटेज सेल बनाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने जो आज इस प्रदर्शनी के माध्यम से दरभंगा के लोगों को तस्वीरें दिखायी है उससे निश्चित रूप से शहर के लोग धरोहर के प्रति सचेत और जागरुक होंगे। कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत आशीष झा और धन्यवाद ज्ञापन संतोष कुमार ने किया।

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