21 दिन जेल मे बदं थे पी एन
जमशेदपुर।
19 नवम्बर 1976 समय दिन के 2.15 मिनट आपातकालीन के दौरान आदित्यपुर के शेरे पंजाब चौक के पास कंधे में झोला टागे दुबले पतले साईकिल सवार युवक को आदित्यपुर पुलिस ने रोका और बात करने के बहाने आदित्यपुर थाना ले जाया गया यहां पहले से ही सी आई डी की संयुक्त टीम ने मौजुद थी . थाना पहुँचने पर उस युवक को कहा गया कि आपकी गिऱफ्तारी की जाती है वह आदमी कोई और नही बल्कि आदित्यपुर एक के रहने वाले प्रबोध नारायण कुमर थे ।पुलिस उन्हे पकडकर आदित्यपुर थाना लाई और दुसरे साथियो को संबध मे कड़ी पुछताछ की लेकिन पी एन उस वक्त नही टुटे. और अतत पुलिस ने उन्हे सरायकेला जेल भेज दिया गया उस वक्त वे जेल मे 21 दिन रहे ।इस दौरान उनके दुख दर्द रोगटे खड़े करने वाले थे .जेल मे बीती एक एक दिन इमरजेसी की तानाशाही को सहकर प्रबोध निर्भीक हो चुके थे. समाजिक उत्थान के लिए कर रहे राजनितीज्ञो के लिए उस समय आदित्यपुर के तत्कालिन थाना प्रभारी श्री देव झा किसी अग्रेज से कम नही थे।
पी एन जेल से निकलने के बाद भी उनकी दुख कम नही हुआ जेल से जैसे ही बाहर निकले तो उन्हे पता चला कि टाटा स्टील से उन्हे नौकरी से निकाल दिया गया है घऱ मे छोटे छोटे बच्चे ।लेकिन उन्होने हार नही मानी .उसके बाद उन्होने टाटा स्टील से अपनी नौकरी के लिए भी लड़ाई लड़ी और 6 माह के बाद पुन उन्हे नौकरी मिल गई नौकरी मिलने के बाद टाटा स्टील ने उन्हे पुराना 6 माह के वेतन भी दिय़ा.
ईनाडु इंडिया से बातचीत करते हुए कहा वयोवृद्ध प्रबोध नारायण कुमर मुलत (बिहार के मघुबनी जिले के परिहारपुर के निवासी) ने कहा कि उनके चाचा लक्ष्मीनारायण कुमर सोशलिस्ट पार्टी के अघ्यक्ष सुर्य नारायण सिंह के करीबी थे,यहा घ्यान देने की बात यह है कि जब जेपी 1942 में दिपावली की रात जब हजारीबाग से जेल भागे थे उस समय उनके साथ सुर्य नारायण सिह भी थे,
पी एन बताया कि शेऱेपंजाब पकड़े जाने पर पुलिस ने कहा कि डिफेंस इण्डिया ऑफ रुल्स सेशन 43(a) और 46 (b )के तहत उन्हे गिरफ्तार किया गया है इस दौरान पुलिस मीसा मैटेनेस ऑफ इन्टरनल के तहत सेक्युरिटी एक्ट के तहत लोगो को पकडा जाता था ,उन्होने कहा मीसा मे उन्हे 21दिन जेल मे रहने का गर्व हैं.
मौजुदा राजनिती और नेता पर टिप्पणी करते हु
