जमशेदपुर।
जिला प्रशासन के द्रारा पूर्वी सिहभूम जिले मे करीब चार सौ स्कूलो को बंद कर दुसरे स्कूलो मे विलय करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इन विद्यालयों को बंद करने लेकर मुखिया समन्वय समिति ने उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन देकर विरोध जताया सौंपा। ज्ञापन में मुखियाओं ने कहा कि विद्यालय को विलय करने के मामले में पंचायत प्रतिनिधियों से कोई मंतव्य नही लिया गया ओर न ही वहां की ग्रामसभा से अनुमति लिया गया है,जबकि पंचायत चुनाव के बाद विद्यालय के सारे संचालन कार्य मुखिया के द्वारा किया जा रहा है। जब विद्यालय को बंद करने का निर्णय लिया जा रहा है तो मुखिया से भी मंतव्य लेना चाहिए था। कई विद्यालयों को ऐसे विद्यालय में विलय किया जा रहा है जिसकी दूरी बहुत अधिक है।विद्यालय विलय में क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति जैसे नदी नाला, पहाड़,जंगल एवं रेल लाइन को भी ध्यान में नही रखा गया है जिससे कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। इसलिए अविलंब विद्यालय विलय के निर्णय को वापस लिया जाय।इसके अलावे मुखियाओं ने मांग किया कि ग्राम विकास समिति के गठन के निर्णय वापस लिया जाय, सिर्फ पंचायत स्तरीय योजनाओं का सोशल ऑडिट बंद किया जाय अन्यथा सांसद विधायक फण्ड एवं अन्य सरकारी मंदो से चल रहे सभी योजनाओं का भी सोशल ऑडिट कराया जाय।गर्मी को देखते हुए खराब पड़े चापाकलों का अविलंब मरम्मती कराया जाय एवं 14वीं वित्त आयोग की राशि से चापाकलों की मरम्मती में खर्च की सीमा राशि की बाध्यता को हटाया जाय।मुखियाओं को सम्मानजनक मानदेय प्रति माह तीस हजार रु व अन्य भत्ता एवं पेंशन की सुविधा दिया जाय, गलत आरोप लगाकर मुखियाओं से छीनी गयी वित्तीय एवं अन्य अधिकार अविलंब वापस किया जाय मुखियाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने सहित अन्य मांगे शामिल हैं। इस दौरान मुख्य रूप से मुखिया संघ के कार्यकारी अध्यक्ष दुलारी सोरेन, उपाध्यक्ष नीरज सिंह सरदार गणेश मुंडा,महासचिव प्रधान सोरेन,सचिव कन्हाई मुर्मू,सुभाष सिंह,सांखी मुर्मू,सुमी केराई,दिपांतरी सरदार,पानो सोरेन,पानो बास्के, बहादुर बेसरा,दुलारी मुर्मू,नीनू कुदादा मीरा हेंब्रम, लक्ष्मी सोय,प्रतिमा मुंडा,गौरी शंकर कुदादा सहित कई मुखियागण उपस्थित थे।
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