सांसद विदुयुत महतो व भाजयुमो नेता रतन महतो के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखा आप ने(तसवीर है)
जमशेदपुरः सांसद विद्युत वरण महतो, भारतीय जनता युवा मोरचा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष रतन महतो तथा 25 अन्य के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र दे कर न्याय की गुहार लगायी है. पार्टी के नेता प्रेम कुमार द्वारा दिये गये इस पत्र में कहा गया है कि 29 जून 2015 को अपनी पार्टी के कार्यक्रम के तहत सांसद के आवास सह कार्यालय पर प्रदर्शन करने आप के कार्यकर्ता झंडा-बैनर व नारेबाजी करते हुए गये थे. सांसद को ज्ञापन देना था, जिसमें भ्रष्टाचार में लिप्त केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मंत्री पंकजा मुंडे तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पद से हटाये जाने को लेकर ज्ञापन देना था. लेकिन जैसे ही आप के कार्यकर्ता विद्युत महतो के कार्यालय पहुंचे वैसे ही विद्युत महतो व उनके करीबी व भाजयुमो नेता रतन महतो ने मिला कर कार्यकर्ताओं पर टूट पड़े साथ ही उनके बीस-25 गुंड्डे भी टूट पड़े. यह पिटाई विद्युत महतो के निर्देश पर हुआ. आप कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दोड़ा कर पीटा गया. इससे आप कार्यकर्ता दुर्गा अग्रवाल, उषा रानी व समर कुंडु को गिरा कर लात-घुंसों से मारा गया. दुर्गा अग्रवार का एक पैर बुरी तरह से जख्मी हुआ है. उषा रानी की छाती में गंभीर चोटें आयी हैं. प्रदर्शन कर रहे एक भी आप कार्यकर्ता को विदुयुत महतो महतो के गुंडों ने नहीं छोड़ा, लाठी-डंडे से पिटाई की गयी. इस वक्त सभी मीडियाकर्मी मौजूद थे. हद तो यह हो गयी कि वहां मौजूद 20-25 पुलिसकर्मी मूक दर्शक बने रहे.
इसके बाद वे किसी प्रकार जान बचा कर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे लिखित रूप से घटना की जानकारी दी. इसके साथ ही बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी. घायलों की इंजूरी कटवाने का आग्रह पुलिस से किया, लेकिन वहां मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि यह सांसद का मामला है, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते. तब हम लोग स्वयं ही एमजीएम जा कर घायलो का इलाज कराया और इसकी रिपोर्ट थाने को दी. इसके बाद दूसरी ओर जब विद्युत महतो इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने रतन महतो को रात आठ बजे थाना भेज कर आप कार्य़कर्ताओं पर झूठा व मनगढंत प्राथमिकी दर्ज करायी.
प्रेम कुमार ने मांग की है कि एक चोरी व ऊपर से सीना जोरी वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए विद्युत ने झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया. इस मुकदमा के निरस्त कर विद्युत, रतन व अन्य 25 गुंडों पर कार्रवाई कराने की मांग मुख्यमंत्री से की गयी है. पत्र में यह भी कहा है कि अगर इस निष्पक्षता से कार्रवाई नहीं की गयी, तो व्यापक आंदोलन छिड़ जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होगी. पत्र पर प्रेम कुमार के अलावा सुमंत चौधरी, राजकुमार पासवान, वीके पांडेय, सत्येंद्र, मनोज मिश्रा, अजय कुमार, जावेद अहमद, मो अनसार, दुर्गा अग्रवाल, दिनेश महतो, राम दरस राय, सुमन, उषा रानी, उमेश मित्तल, प्रीतपाल, डॉ एस मिश्रा, एसके सिंह, पीके सिंह, शंभु सिंह, गोपाल सिंह, उपेंद्र कुमार पांडेय आदि के हस्ताक्षर हैं.
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