जमशेदपुर-राज्य सरकार ने कौशल विकास हेतु 700 करोड़ रूपए का प्रावधान – रघूवर दास

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जमशेदपुर। 18 जून

मुख्यमंत्री  ऱघुवर दास ने कहा कि राज्य से गरीबी के दंश को मिटाने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण औजार है, यह विकास की धुरी है। युवाओं को शिक्षित-प्रशिक्षित कर हुनरमन्द बनाके आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने कौशल विकास हेतु 700 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री आज जमशेदपुर के बारीडीह बस्ती में छठ घाट एवं पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड वासियों को पलायन न करना पड़े और राज्य में ही रोजगार देने की सरकार की प्रतिबद्धता है। मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड के अन्तर्गत राज्य के 32,000 ग्रामों में प्रत्येक में उद्यमी सखी मण्डल की परिकल्पना की गई है। प्रत्येक गांव से 15 उद्यमी सखी को संगठित किया जाएगा। कुल 4,80,000 महिलाओ को उद्यमी सखी के नाम से जाना जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के बाद शहरी क्षेत्र के गरीब क्षेत्र की महिलाओं को भी इससे जोड़कर उन्हें हुनरमन्द बनाया जाएगा। सरकार के विभिन्न योेजनाओं से लाभान्वित होकर युवक-युवतियां स्वयं जीविकोपार्जन करने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं। कौशल विकास के तहत् किए जा रहे कार्यों को मुद्रा योजना अथवा केन्द्र सरकार के स्टार्ट-अप इण्डिया कार्यक्रम के तहत् अन्य लाभ दिए जा सकते हैं। स्टार्ट-अप से जुड़कर नौकरी देने वाले बनने का आहवान मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन समुदाय से किया।

उन्होने कहा कि राज्य सरकार की मान्यता है कि आधी आबादी को स्वावलम्बी बनाकर राज्य का वास्तविक विकास होगा। आधी अबादी अर्थात राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके माध्यम से जिला, प्रखण्ड तथा ग्राम स्तर तक महिलाओं को आजीविका का सम्बल प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्होंने कहा कि बालक-बालिका के मध्य भेद-भाव न करें। बच्चियों को शिक्षित बनाएं। एक महिला पूरे परिवार के शिक्षा-संस्कार की आधारशिला तैयार करती है और  संस्कारशील परिवार से सुसंस्कृत समाज निर्मित होता है।

   इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत् दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय योजना के अन्तर्गत सिलाई में प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन वितरित किए तथा ब्यूटीशियन-किट का भी वितरण किया साथ ही जीरो-ड्रापआउट घोषित पंचायतों के मुखिया-गणों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इनसे प्रेरणा लेते हुए अपने-अपने पंचायत को जीरो-ड्राप आउट बनाने की दिशा में कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्र के मुखियागण जमीनी स्तर पर लाने में भूमिका अदा करें और अपने गाँव-पंचायत में विकास ही इबारत लिखें । लोगों ने जिस उम्मीद पर आपको भेजा है उन जनाकांक्षाओं के लिए ईमानदारी के साथ काम करें। साथ ही जागरूकता फैलाने का काम भी जन-आन्दोलन के रूप में करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया। श्री रघुवर दास ने कहा कि प्रभात-फेरी जैसे माध्यमों से लोगों को जागरूक करें। डायन-बिसाही जैसी सामाजिक कुरीति से निर्दोष महिलाओं की हत्या पर रोक लगाने हेतु प्रचार करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि बेटी का विवाह सही उम्र में करने से राज्य के मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। इसलिए अपनी बेटी को पढ़ाएं इसके लिए ‘‘पहले पढ़ाई उसके बाद विदाई’’ कार्यक्रम की परिकल्पना राज्य सरकार द्वारा की गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरि मन्दिर प्रांगण में नवयुवकों के लिए ओपेन जिम के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि युवाओं के सौष्ठव से स्वस्थ झारखण्ड का निर्माण होगा। इसके लिए राज्य के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में भी जिम की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि बारीडीह बस्ती की लम्बे समय से की जा रही मांग को पूर्ण करने हेतु सूर्य आराधना के लिए छठ घाट की आधारशिला रखी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज, शासन और जनता में कोई खाई नहीं रहनी चाहिए। एक दूसरे के सम्पर्क-समन्वय में रहकर सुन्दर-समृद्ध झारखण्ड बनाने की दिशा में ईमानदारी पूर्वक कार्य करें। जुलाई से राज्य भर में 2 करोड़ वृक्ष लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की । उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और हरा-भरा झारखण्ड सौंपने के लिए हमें पर्यावरण का विवेकसंगत प्रयोग करना है।

इस अवसर पर जिला के उपायुक्त  अमित कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप टी मैथ्यू तथा अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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