जमशेदपुर।
दो पहिया वाहन बनाने वाली हीरो मोटो कार्प तथा होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने भंडार को कम करने के लिए बीएस-3 मॉडलों पर 12,500 रुपए तक की छूट की पेशकश की है. सुप्रीम कोर्ट के ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण एक अप्रैल से प्रतिबंधित करने के एक दिन बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि लोगों का स्वास्थ्य विनिर्माताओं के वाणिज्यिक हित से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. शीर्ष अदालत ने कहा कि वाहन कंपनियां इस बात से पूरी तरह अवगत हैं कि उन्हें एक अप्रैल 2017 से केवल बीएस-4 मानकों वाले वाहनों का ही विनिर्माण करना है लेकिन इसके बावजूद वे स्वयं से कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी.
दो पहिया वाहनों पर भारी छूट
डीलरों के अनुसार बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध से कुल आठ लाख गाड़ियां प्रभावित हुई हैं. इसमें 6.71 लाख दो पहिया वाहन हैं. फिलहाल प्रयास छूट देकर समयसीमा से पहले यथासंभव वाहनों को बेचना है. प्रमुख दो पहिया वाहन कंपनी हीरो मोटो कार्प बीएस-3 दो पहिया वाहनों पर 12,500 रुपए तक की छूट की पेशकश कर रही है. डीलरों के मुताबिक कंपनी अपने स्कूटर पर 12,500 रुपए, प्रीमियम बाइक पर 7,500 रुपए तथा शुरुआती स्तर के मोटरसाइकिलों पर 5,000 रुपये की छूट की पेशकश कर रही है. दूसरी तरफ दूसरे पायदान पर आने वाली होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) बीएस-3 स्कूटरों तथा मोटरसाइकिलों पर 10,000 रुपए तक की छूट दे रही है. दोनों कंपनियों ने कहा कि पेशकश भंडार रहने या 31 मार्च तक के लिए है.
अबतक कभी नहीं मिली इस तरह की छूट
फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स (एफएडीए) के निदेशक (अंतरराष्ट्रीय मामले) निकुंज सांघी ने कहा, उद्योग में अबतक इस तरह की छूट कभी सुनने को नहीं मिला. यह पूछे जाने पर कि शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर डीलर क्या कदम उठा रहे हैं, उन्होंने कहा, हमारा जोर समयसीमा से पहले यथासंभव अधिक से अधिक वाहनों को बेचने पर है. हमारे लोग संभावित ग्राहकों को कॉल कर रहे हैं और उन्हें छूट के बारे में बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि डीलर समुदाय न्यायालय से भंडार निकालने के लिये समयसीमा बढ़ाए जाने के रूप में कुछ राहत मिलने की उम्मीद कर रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में अब जोर जितना हो सके, ऐसे वाहनों की बिक्री पर है.
एनसीआर में बीएस-1, बीएस-2 वाहनों का परिचालन होगा बंद
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पादों की ढुलाई में भारत चरण-एक और भारत चरण दो वाहनों का इस्तेमाल बंद करने को कहा है. एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने इंडियन आयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम को तत्काल ऐसे वाहनों का उपयोग बंद करने का निर्देश दिया है. हरित अधिकरण ने संयुक्त पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस आदेश का अनुपालन हो सके.
एनजीटी ने पिछले साल दिसंबर में सभी पेट्रोलियम कंपनियों को नोटिस जारी कर यह बताने को कहा था कि क्या वे पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल, डीजल पहुंचाने के लिए किसी प्रकार के एक दशक से अधिक पुराने डीजल वाहनों का इस्तेमाल करती हैं. यह निर्देश विभिन्न ठेकेदारों की सामूहिक याचिकाओं पर दिया गया है. इन याचिकाओं में नए बीएस-4 डीजल वाहन जो कि कंपनी से दिल्ली-एनसीआर के पेट्रोल पंपों पर ईंधन पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने हैं, के पंजीकरण की अपील की गई थी.
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