आदित्यपुर रेलवे के सिक लाईन में कुव्यवस्था का है आलम, जान जोखिम में डाल कर कार्य करते है रेलकर्मी
डिजल मोबिल स्टोर रुम में कभी भी लग सकती है आग
कर्मचारियों कि समस्या देखना डीएमई का कार्य नहीं
नहीं होती है रेलकर्मियों का कार्य कि रोटेशन
ठेका के सफाई कर्मचारियों से सफाई के बजाय कराया जाता है सिक लाईन में कार्य
डीएमई नहीं सुपरभाइजर के जिम्मेदारी है कार्य को देखना
संतोष वर्मा
जमशदेपुर!दक्षिण पूर्व रेलवे के अधिनस्थ पडने वाली चक्रधरपुर रेल मंडल के आदित्यपुर रेलवे स्टेशन स्थित रेलवे के यांत्रिक विभाग में प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही सफाई योजना को नजर अंदाज किया जाता है, जिसके कारण कैरेज विभाग के कार्यालय ही नहीं महिला व पुरुष रेलकर्मी के ड्रेसिंग रुम व शौचालय में मनुष्य किया जानवर भी प्रवेश नहीं करेगा! उक्त कमरे मे बजबजाती गंदगी और मकरे का जाल बिछा है! जबकि सफाई के लिए तिन तिन निजी सफाई कर्मी मौजुद है और सफाई के सभी सामान खरिदा जाता है! इतना ही नहीं इस विभाग में प्रत्येक दिन कार्य करने वाले पंजिका का भी रोटेशन नहीं कि जाने कि शिकायत है! वहीं यार्ड के 9 व 10 तथा 2, 6 व 7 नंबर कि रेल पटरी के किनारे मोटी मोटी मिटी का हिपस होने के कारण रेलकर्मियों को कार्य करने में काफी परेशानियों का सामना करना पडता है! मजे की बात तो यह है कि इस विभाग में कर्मचारियों कि समस्याओं का निदान के लिए मुख्यालय के द्वारा एक मंडल यांत्रिक अभियंता के रुप मे डीएमई अमिताभ सरकार को पदस्थापित किया गया है, लेकिन श्री सरकार का कहना है कि इन सभी कार्यो कि जिम्मेवारी हमारा नहीं सुपरवाइजर कि है! किया यदि सुपरवाइजर द्वारा इन सभी कार्यो को नहीं देखा जाता है तो श्री सरकार कि जिम्मेवारी नहीं बनती है विभागों का निरिक्षण करना! यह मामले का उस समय खुलाशा हुआ जब दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के कार्यकारी महासचिव एस आर मिश्रा उक्त विभाग के बिभिन्न कार्यालयों का निरिक्षण करने पहुंचें तो कर्मचारियों ने अपनी पिडा को रखा और उक्त समस्याओं से निजात दिलाने कि मांग कि! ज्ञांत हो कि देश में जब प्रघानमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी कार्यभार संभाले तो स्वछता पर विशेष घ्यान देते सफाई अभियान चलाया गया और सभी विभागों में स्वछता अभियान चलाने का आदेश जारी किया गया! श्री मोदी स्वंय सडको पर झाडु लगाते है, लेकिन रेल में इस अभियान को पुर्ण रुपेण लागू नहीं किया गया जिसका जिता जागता प्रमाण चक्रघरपुर रेल मंडल के आदित्यपुर रेलवे स्टेशन के कैरेज विभाग में देखने को मिलता है! उक्त विभाग में काफी संख्या में रेल कर्मचारी है और उन कर्मचारियों के लिए कैरेज विभाग के सिक लाईन स्थ्ति पुरुष व महिला रेलकर्मियों के लिए अलग अलग ड्रेसिंग रुम बनाया गया है, साथ ही साथ शौचाल्य का भी निर्माण किया गया है लेकिन उक्त शौचाल्य कि साफ सफाई को देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है आॅन डियूटी कार्यरत रेल कर्मचारी इस शौचाल्य का उपयोग कैसे करते होंगे! दुसरी ओर डे्रसिंगरुम में कपडा रखने के लिए कोई माकुल सुविघा नहीं होने के कारण रेलकर्मियों को अपनी अपनी कपडों को जहां तहो रखा जाता है! सुरक्षा कि बात करे तो कभी भी उक्त शेड के डिजल व मोविल रखने वाले स्टोर में कभी भी आग लग सकती है! क्यों कि उक्त स्टोर में एक भी सिसफाईर का सिलेंडर नहीं है! रेल कर्मचारियों का रोटेशन भी नहीं किया जाता है! इन सभी मामले को लेकर जब विभाग के मंडल यांत्रिक अभियंता अमिताभ सरकार से रेल सामाचार के विशेष पंकतनिघि द्वारा पुछा गया तो श्री सरकार ने एक टूक जवाब देते हुए कहा कि हमारी जिम्मेवारी नहीं है सुपरवाईजर द्वारा कार्य को देखा जाता है! इघर जब दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांगे्रस के कार्यकारी महासचिव एस आर मिश्रा से पुछे जाने पर बताया गया कि इन समस्याओं को लेकर चक्रघरपुर रेल मंडल के रेल प्रबंघक के समक्ष रख कर मामले का निपटारा कराया जायेगा! ज्ञांत हो कि आदित्यपुर स्टेशन को टाटानगर स्टेशन का ट्रमिनल स्टेशन के रुप में बनाने कि कवायद चल रही है और आदित्यपुर स्टेशन से टाटा स्टील का लोडिंग यार्ड है, जहां मालगाडियों कि रख रखाव का कार्य किया जाता है!
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