जमशेदपुर-पत्थरगाडी मामले में राजनितीक बयानबाजी हुई तेज

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विपक्ष ने कहा संवादहीनता का परिणाम है पत्थरगाड़ी,सत्ता पक्ष-विपक्ष के द्वारा सरकार को  बदनाम करने साजिश

जमशेदपुर।

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पत्थरगाड़ी को लेकर राजनितीक बयान बाजी तेज हो गई।इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दुसरे पर आरोप लगाना शुरु कर दिया हैं। जहां विपक्ष इस मामले में सरकार का विफलता कारण मान रही है। वही सत्ता पक्ष विपक्ष की सोची समझी साजीश के तहत सरकार को बदनाम करने आरोप लगा रहा है।

इस सबंध में  झारखंड मुक्ती मोर्चा के बहारागोड़ा के विधायक सह प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा कि पत्थरगाड़ी के मामले को सरकार ने कभी गंभीरता से नही लिया है। जिसका नतीजा खुंटी में देखने को मिला है। उन्होने कहा कि सरकार समाजिक अंदोलनो को पुलिस और प्रशासन के बल पर  कुचलदेना चाहती है।  सरकार की कानून व्यवस्था पुरी तरफ फेल है। इस सरकार कार्यकाल में विकास के नाम पर कोई कार्य नही हो पाया है।उन्होने कहा कि सरकार स्कूल बंद कर रही, शराब बेच रही है, भुमि अधिग्रहण कानून के साथ छेड़छाड़ कर रही है। उन्होने साफ तौर पर कहा कि पत्थरगड़ी  समाजिक रिएक्शन का परिणाम हैं। उन्होने कहा कि पुराने जमाने में लोग अपने जमीन का सीमाकंन पत्थरगाड़ी करके करते थे।लोगो को लगा कि सरकार उनके जमीन को जबरदस्ती लेलेगी।इसकारण वे पत्थर गाड़ कर अपनी जमीन का सुरक्षित कर रहे है। सरकार इस गलत ढंग से ले रही हैं।

वही भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह कोल्हान प्रभारी लखन मार्डी ने कहा कि पत्थरगाड़ी के नाम पर विपक्ष सरकार के बदनाम कर रही है। उन्होने कहा कि खुंटी को एक साजिश के तहत आशांत क्षेत्र बनाया जा रहा है।इसके पीछे विदेशी शक्ति का हाथ है। उन्होने कहा कि नए संस्करण का पत्थरगाड़ी काफी भयानक है।यह पत्थऱगाड़ी देश हित, राज्य हित और आदिवासी हित में सही नही हैं।इसमे कुछ लोग विदेशी शक्ति के साथ मिलकर भारतीय संविघान को गलत ढंग से परिभाषित करते हुए आदिवासी लोगो को मोहरा बनाने का काम किया जा रहा हैं।वही इस मामले को संगठन ने काफी गंभीरता से लेते हुए आदिवासी समाज में जागरुकता का कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया हैं।

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