जमशेदपुर।
नगर निगम मे पंचायत क्षेत्रो के शामील करने का मामला दिन पर दिन तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर मुखिया संध ने काफी गंभीरता से लिया है और सोमवार को कई मुखिया लोग इस मामले को लेकर उपायुक्त कार्यलय के समक्ष जोरदार प्रर्दशन कर अपना विरोध दर्ज कराया और इस मामले को लेकर उपायुक्त को एक ज्ञापन भी सौपा।
ज्ञापन के माध्यम से कहा कि जमशेदपुर से सटे सभी पंचायत अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आते है जहां 70 प्रतिशत आबादी आदिवासीयो की है। और ये लोग माझी परगना और मानकी मुण्डा पद्धति को मानते है। और सभी आदिवासी लोग कृषि और मजदुरी पर निर्भऱ है। अगर पंचायत क्षेत्र को नगर निगम मे शामील कर लिया जाएगा। तो यहां के आदिवासियो का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसके कारण आदिवासियो की सास्कृतिक सामाजिक परम्पराए नष्ट हो जाएगी। और शहरी परिवेश मे आदिवासियो री अपनी विशिष्टताए लुप्त हो जाएगी।इसका असर यह होगा कि यहा के आदिवासीयो को पालायन करना होगा। इस लिए मुखिया राज्य सरकार से मांग करती है कि आदिवासीयो की सभ्यता सास्कृतिक की रक्षा के लिए जमशेदपुर मे बन रहे नगर निगम मे पंचायत क्षेत्रो को नही शामील किया जाएगा। अगर इसके बावजुद यदि सरकार आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतो को नगर निगम मे शामिल करने का प्रयास करती है को मुखिया संध सडक पर उतर कर अंदोलन करने को बाध्य होगा।
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