व्यापारियों के लिए है अवसर : उठायें संचालन का खर्च, बदले में लें विज्ञापन अधिकार
शहर के बड़े व्यवसायी कम से कम एक शौचालय का खर्च उठाकर स्वच्छता अभियान में बने भागिदार : संजय कुमार
जमशेदपुर।
जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की ओर से बड़ी संख्या में सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हैं जबकि कुछ का निर्माण कार्य पूर्ण होने की स्टेज पर है। जयादातर नगर निकायों में शौचालय बनने के बाद इनका उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सामान्यतया निजी ठेकेदारों को या सामाजिक संगठनों को निर्धारित राशि लेकर संचालन के लिए दे दिया जाता है। किन्तु जमशेदपुर अक्षेस अपने अधीन निर्मित इन शौचालयों के संचालन में व्यापारियों और सामाजिक संगठनों को भागीदार बनाने की सोच रहा है।
क्या है सामुदायिक शौचालय?
दस या बीस लेटरीन सीट वाले बड़े शौचालय सह स्नानागार जो स्लम इलाकों में इसलिए बनाये गए हैं ताकि कालोनी के ऐसे लोग जिनके यहाँ किसी कारण से निजी शौचालय न बन पाया हो वे इनका उपयोग कर सकें और खुले में शौच की स्थिति न बने।
कौन कर सकेगा इन्हे प्रायोजित?
शहर के व्यावसायिक प्रतिष्ठान, स्वैच्छिक संगठन या कोई निजी व्यक्ति जो इनके संचालन का खर्च (लगभग दस हजार रुपया मासिक) उठाकर स्वच्छ भारत अभियान में सहयोगी बनना चाहता हो।
बदले में लाभ?
जेएनएसी उक्त सभी शौचालय बनाकर दे रहा है , प्रायोजकों को सिर्फ संचालन के देख रेख का जिम्मा लेना होगा, बदले में उस सामुदायिक शौचालय भवन की दीवारों पर विज्ञापन का अधिकार प्रायोजक को दिया जायेगा। इतना ही नहीं भवन के ऊपर होर्डिंग लगाने का अधिकार भी प्रायोजक व्यवसायी या संगठन को दिया जा सकता है। विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान में उक्त सहयोग के लिए फ़िलहाल वे कई संगठनों जैसे लायंस क्लब, मारवाड़ी मंच, सीए एसोसिएशन, रोटरी आदि के अलावा कई निजी व्यावसायिक संस्थानों से बात कर रहे हैं। कई समाज सेवियों व शैक्षणिक संस्थानों से भी बात की है। बताया कि एक संस्थान या व्यक्ति को सिर्फ एक ही सामुदायिक शौचालय गोद लेने के लिए सीमित किया जा रहा है ताकि इस अभियान में अधिक से अधिक की सहभागिता हो।
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