जमशेदपुर-ऑस्ट्रेलिया में अंतराष्ट्रीय मंच पर अपने इनोवेशन और उद्दमवृत्ति की चमक बिखेरेगा जमशेदपुर का ‘आदित्य ओम’

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● अमेरिका के कैम्ब्रिज स्थित एमआईटी बूटकैम्प्स द्वारा आयोजित वैश्विक इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप बूटकैम्प से मिला आमंत्रण
● इस वर्ष 10 से 16 फ़रवरी को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित होनी है इनोवेशन कैम्प 
● टेल्को के विद्या भारती चिन्मया विद्यालय का छात्र रहा है आदित्य ओम 
जमशेदपुर ।
शहर के टेल्को (खडंगाझार) निवासी श्री अखिलेश कुमार झा एवं श्रीमती चंचला झा का पुत्र पच्चीस वर्षीय युवा आदित्य ओम अमेरिकी प्रौद्योगिकी संस्थान एमआईटी (कैम्ब्रिज) द्वारा आयोजित होने वाले वैश्विक इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप बूटकैम्प में सम्मिलित होकर अपने इनोवेशन का जलवा दिखायेगा। तीन वर्षों के अंतराल पर एमआईटी की ओर से आयोजित होने वाले इस अंतराष्ट्रीय बूटकैम्प का आयोजन इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में 10 से 16 फ़रवरी तक होगा। इस बूटकैम्प में प्रवेश के लिए विश्वभर के लगभग 10,000 हज़ार युवाओं और टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप यूनिट्स ने अपने इनोवेशन प्रोफाइल प्रस्तुत लिए थें। इनमें से अंतराष्ट्रीय स्तर पर कुल 100 लोगों का चयन हुआ है। भारत की ओर से आदित्य ओम के अलावे अन्य तीन युवाओं का भी चयन हुआ है।इस कार्यक्रम में चयन के बाद आदित्य ओम ने अपने माता-पिता, अपने शिक्षकों और अपने स्कूल-कॉलेज के मित्रों के प्रति कृतज्ञता और आभार व्यक्त किया। कहा कि यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि है। कहा कि अंतराष्ट्रीय मंच पर देश का गौरव बढ़ाने का अवसर मिला है, यह उनका सौभाग्य है।
क्या है एमआईटी बूटकैम्प प्रोग्राम :
अमेरिका के कैम्ब्रिज स्थित (Massachussetts Institute of Technology) मास्साचुसेट्स इंस्टीटूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एवं तकनिकी विज्ञान के क्षेत्र में विश्व की सबसे अग्रणी शोध संस्थान है।
बूटकैम्प प्रोग्राम के तहत एमआईटी विश्व भर से करीब 100 अनोखे एवं प्रतिभावान इन्नोवेटर्स को चुनती है जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे; पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, प्रदुषण नियंत्रण, स्मार्ट सिटी इत्यादि, में नए टेक्नोलॉजीज जैसे अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, बिग डाटा इत्यादि का इस्तेमाल कर के नए आविष्कार एवं अनोखे तकनीक विकसित कर रहे हैं। एमआईटी बूटकैम्प प्रोग्राम का मक़सद पूरे दुनिया भर में ऐसी नए उभरते युवा शोधकर्ताओं, इन्नोवेटर्स एवं आविष्कारकों को अंतराष्ट्रीय मंच प्रदान कर सम्मानित एवं प्रोत्साहन देना है जो दुनिया भर में कृषि, विश्व जलवायु  एवं खनन उद्योग को अपने नवोन्मेष के ज़रिये सतत वृद्धि को साकार कर सकें।  
कैसे मदद करेगा बूटकैम्प :
 
दुनिया भर से चुने हुए इन युवा इन्नोवेटर्स को ऑस्ट्रेलिया में आमंत्रित किया गया है, जहाँ उन्हें इस बात की ट्रेनिंग दी जाएगी कि कैसे वे अपनी विकसित की हुयी आविष्कारों को एक सफल स्टार्टअप या बिज़नेस में बदल सकते हैं। दस दिवसीय इस प्रोग्राम में एमआईटी स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (MIT Sloan School of Management) के जाने माने प्रबंधन विशेषज्ञ और मेंटर्स इन युवा इन्नोवेटर्स को मेंटरशिप और तकनिकी प्रशिक्षण देंगे। इसके अलावा इन इन्नोवेटर्स के पास अपनी आविष्कारों को वैश्विक स्तर पे, एक सफल स्टार्टअप के रूप में लॉन्च करने का मौका भी होगा, जिसमें पूरी दुनिया भर से आये, प्रबंधन विशेषज्ञ टीम इनकी मदद करेंगी। 
कैसे हुआ आदित्य का चयन ?
आदित्य ओम पिछले 4 वर्षों से स्मार्ट डिवाइस के डेवलपमेंट का कार्य कर रहे हैं । 2014 में “गैबी ट्री” नामक डिवाइस का आविष्कार किया था। इस उपकरण के आविष्कार से उन्होंने महान वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बसु के सिद्धांत *’पौधों में भी जान होती है’* को सही साबित किया था। गैबी-ट्री उपकरण को यदि किसी पौधे या वृक्ष से लगा दिया जाए, तो उसे जब पानी की आवश्यकता होगी अथवा जब किसी भी व्यक्ति से वृक्ष खुद को असुरक्षित महसूस करेगा, तब वे अपने से लिंक किये गए ट्विटर या फेसबुक एकाउंट को त्वरित संदेश भेजकर आगाह करेगा। आदित्य की यह उपकरण स्थानीय टाटा स्टील कंपनी के नर्सरी विभाग ने भी प्रयोग के लिए लगाया है। बेशकीमती वृक्षों की तस्करी और कटाव रोकने और वन संरक्षण की दिशा में यह उपकरण लाभकारी सिद्ध हो सकेगा। इसके अलावे आदित्य ओम ने वर्ष 2016 में “माया नेटवर्क” का निर्माण किया था, जिसके ज़रिये इन्होने इन्होने “i maaya “, का निर्माण किया. i-maaya एक स्मार्ट एनवायरनमेंट कण्ट्रोल सिस्टम है जिसके मदद से किसी भी रिसर्च लेबोरेटरी, हाई-टेक फैक्ट्री या प्रोडक्शन वेयरहाउस को ऑटोमेट किया जा सकता है।
एमआईटी द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम में चयन के लिए कई इंटरव्यू राउंड्स हुए जिसमें उन्होंने आविष्कारों को ले कर आगे नयी स्टार्टअप शुरुआत करने के लिए सपोर्ट एवं मार्गदर्शन के लिए आवेदन किया। पूरे 14 दिन चले इस प्रक्रिया के बाद इनका चयन पूरे विश्व के उन 100 युवा इन्नोवेटर्स में हुआ जिन्हें इस सम्माननीय प्रोग्राम में शिरकत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया आमंत्रित किया गया है।
आदित्य ओम की शिक्षा :
स्कूली दिनों से ही मेधावी और कुशाग्र रहे आदित्य ओम ने बारहवीं तक कि पढ़ाई टेल्को कॉलोनी स्थित चिन्मया विद्यालय से की। इसके बाद इन्होंने देश के सुप्रसिद्ध कोचिंग ‘सुपर-30’ में आनंद कुमार सर से भी एक वर्ष का प्रशिक्षण लिया। बाद में साल 2012 से 2016 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन संकय में बी.टेक की पढ़ाई पूरी की। अभी आदित्य, आईआईटी कानपूर के सिडबी इनक्यूबेटर स्थित “कृत्सनम टेक्नोलॉजीज” में सीनियर आई.ओ.टी. डेवलपर हैं। ज्ञात हो कि कृत्स्नम, भारत की एनवायर्नमेंटल रोबोटिक्स के क्षेत्र में ऐसी पहली स्टार्टअप है जो ऐसे स्मार्ट उपकरण बना रही है, जिससे उत्तरी भारत के किसानों को घर बैठे उनके फसल, पैदावार, मिटटी एवं सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले जल की गुणवत्ता, मात्रा इत्यादि की जानकारी मिल रही है। 

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