चीन से बड़ी युवा आबादी भारत के पास: शिवेश वर्मा
जमशेदपुर, 12 मई: दस से चैबीस साल आयु वर्ग में भारत की जनसंख्या 35 करोड़ से ज्यादा है । इस आयु वर्ग में इतनी बड़ी तादाद सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश चीन की भी नहीं है । किशोरों और युवाओं का यह वर्ग देश का भविष्य सँवार सकता है, बशर्ते उसके हाथो में कौशल हो, उसका स्वास्थ्य अच्छा हो और उसमें निर्णय लेने की क्षमता हो । उक्त आंकड़े और अध्ययन संयुक्त राष्ट्र संघ की शोध रपट का हिस्सा हैं । यू एन की इस हालिया रिपोर्ट के आलोक में देश की आर्थिक प्रगति का तत्व छिपा है यह बात टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा ने आज यहाँ बी टेक फाइनल इयर के विद्यार्थियों के साथ साझा की । श्री वर्मा स्थानीय आर वी एस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नाॅलाजी में “स्किल डेवलपमेंट” विषय पर एक लेक्चर दे रहे थे । कॉलेज के इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट पार्टनरशिप सेल द्वारा आयोजित इंडस्ट्रियल लेक्चर सत्र के तहत यूनियन उपाध्यक्ष श्री वर्मा आज मुख्य वक्ता की हैसियत से उपस्थित थे। उन्होने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये छात्र-छात्राओं का कॉर्पोरेट और उद्योेग जगत के कई अनजाने पहलुओं से परिचय कराया।
श्री वर्मा ने प्रेजेंटेशन के जरिये बताया कि अठारहवीं सदी के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में औद्योगीकरण की शुरूआत हुई और अमरीका वासियों ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाकर देश को दुनिया के आर्थिक मानचित्र पर सबसे चमकता सितारा बना दिया। उन्नीसवीं सदी के अंत में आर्थिक उदारीेकरण की लहर चली और अपने युवाओं को कौशल देकर चीन ने यह सुनहरा मौका हथिया लिया। इसका नतीजा यह कि आज वह निर्माण के क्षेत्र में सुपर पावर है। अब हमारा देश मेक इन इंडिया मिशन के जरिये मैन्यूफैक्चरिंग हब बनना चाहता है। स्किल डेवलपमेंट ही इस मिशन का आघार बनेगा।
श्री वर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 तक देश को सŸार करोड़ स्किल्ड वर्कफोर्स की जरूरत पड़ेगी। आने वाले समय में भारत के डेवलपमेंट इंजन के वाहक होंगे-रिटेल, निर्माण क्षेत्र बैकिंग और पर्यटन। मौजूदा केंद्र सरकार ने देश की प्रगति के लिए कौशल विकास मंत्रालय गठित किया और वर्ष 2022 तक पचास करोड़ लोगों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। इस कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए चैबीस हजार करोड़ रू0 का बजट रखा गया है। इसी के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी बी0 ए0, बी0 एस0 सी0 के कई पारंपरिक कोर्स के पाठ्यक्रमों में बदलाव लाकर उन्हें कौशलोन्मुख बनाने की तैयारी में है।
श्री वर्मा ने स्टील उद्योग में व्याप्त चुनौतियों की चर्चा भी की। उन्होंने मेटलर्जी के छात्रों के लिए तीन-चार मुख्य अध्याय जैसे – आयरन कार्बन फेज डायग्राम, टी0 टी0 टी0 डायग्राम, सोलिडीफिकेशन और हीट ट्रीटमेंट पढ़ाने की सलाह दी। पुरे कार्यक्रम का संचालन सचिन पाॅल होरो तथा धन्यवाद ज्ञापन अभिषेक कुमार (दोनों मेकैनिकल इंजीनियरिंग छात्र) ने किया।
कार्य क्रम में काॅलेज के निदेशक डाॅ0 एम0 पी0 सिंह, प्राचार्य डाॅ0 सुकोमल घोष, ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रमुख प्रो0 एन0 राय चैधरी, सभी विभागघ्यक्ष, फेकलटी मेम्ब्रर्स एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

