जमशेदपुर।
आनन्दमार्ग के वरिष्ठ आचार्य आचार्य धर्मेन्द्र राव का जमशेदपुर स्थित टाटा मेन अस्पताल में हृदय गति रूक जाने के कारण निधन हो गया। वे 96 वर्श के थे। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रामपुर गांव के रहनेवाले थे। आनंदमार्ग के स्थापना काल के वरिश्ठ आचार्यों में से एक आचार्य धर्मेन्द्र राव ने अपने जीवन काल में कई पुस्तकें भी लिखीं। कृशि एवं औशधीय विज्ञान से सम्बन्धित लिखी गयी उनकी किताबों में वर्तमान समय में सर्वसमाज लाभान्वित हो रहा है। यौगिक चिकित्सा एवं द्रव्यगुण (प्रथम खण्ड) उनका सुप्रसिद्ध संकलन है जिसमें उन्होंने अपने गुरू आनन्दमार्ग के संस्थापक श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के अनुसंधान एवं उपलब्धियों को संकलित किया है। अपने गुरू श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के सान्निध्य की रोशनी में आचार्य धर्मेन्द्र राव ने कई अविस्मरणीय कार्य किये हैं, उनके निधन से पूरे आनन्दमार्ग परिवार मर्माहत है। उन्होंने सन् 1957 में आनन्दमार्ग की दीक्षा ली थी। 06 मई को संध्या 3ः30 बजे पार्वती घाट पर आनन्दमार्ग पद्धति से उनका दाह-संस्कार किया जायेगा।
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