जमशेदपुर।
आनन्द मार्ग के द्वारा अगामी 22 सितबंर को बिष्टुपुर के माईकॉल जॉन प्रेक्षागृह में आजादी 70 वर्ष बाद भी हम घोषित क्यों? व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा हैं।
जिसके वक्ता प्रउत विषेशज्ञ आचार्य विमलानंद अवधूत हैं तथा साथ ही साथ 23 एवं 24 सितम्बर 2017 प्रउत दर्षन पर आधारित प्र्रषिक्षण एवं कार्यषाला का भी आयोजन, गदड़ा आश्रम, जमषेदपुर में किया गया है।
प्राउटिस्टों का कहना है कि भारत एक सोने की चिड़िया थी, जिसे विदेषी हुकुमत एवं आक्रमणकारियों ने इसके पर को इस कदर कतर-कतर कर लूटा है कि आज भारत उड़ने को कौन कहे चलने में भी असमर्थ है। अगर वर्तमान व्यवस्था की अवस्था तथा भविश्य में भारत का सोने की चिड़िया को पुनः वापस लाना है तो इसके लिए श्री प्रभात रंजन सरकार द्वारा रचित प्रगतिषील उपयोग तत्व (प्रउत) दर्षन द्वारा संभव है।
इस आर्थिक लोकतंत्र आर्थिक ताकत आम आदमी के हाथ में होना चाहिए। सभी व्यक्ति को समाज में क्रय षक्ति की क्षमता होनी चाहिए।
सभी को जीवन की न्यूनतम आवष्यकता की पूर्ति की गारंटी होनी चाहिए जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण वितरण और तर्क संगत ढंग से अधिकतम उपयोग करना होगा।
आर्थिक आजादी दिलाने का एकमात्र साधन है- प्रउत (प्रगतिषील उपयोगी तत्व)।
आर्थिक लोकतंत्र की आवष्यकताएं और विषेशताएं।
- आर्थिक प्रजातंत्र में युग के अनुसार सभी लोगों को न्यूनतम आवष्यकताओं की गारंटी की व्यवस्था उनके संविधान में होगा।
- क्रय क्षमता में बढ़ोतरी होगा। आर्थिक व्यवस्था और षक्ति स्थानीय लोगों के हाथ में होगा।
क) कच्चेमाल का उपयोग स्थानीय लोगों के आवष्यकताओ ंके पूर्ति के लिए उपयोग किया जायेगा।
ख) कच्चा माल का निर्यात नहीं हेागा।
ग) जहाँ कच्चामाल है वहीं उद्योग लगाया जायेगा।
घ) उस उद्योग में स्थानीय लोगों को रोजगार दी जायेगी।
- आर्थिक लोकतंत्र में प्रत्येक आर्थिक निर्णय स्थानीय लोगों के हाथों में होना चाहिए।
- आर्थिक लोकतंत्र में बाहरी लोगों का स्थानीय अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार का हस्तक्षेप की अनुमति नहीं होगी।
आर्थिक लोकतंत्र या आर्थिक आजादी की सफलता के लिए प्रउत व्यवस्था को लागू करना अत्यन्त जरूरी है। यह सभी लोगों का आर्थिक रूप से कल्याण करेगा।
आर्थिक प्रजातंत्र में प्रत्येक मनुश्य केे मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अवसर भी प्राप्त होंगे।
आर्थिक लोकतंत्र न सिर्फ मानव प्रजाति की आर्थिक आजादी के लिए आवष्यक है, बल्कि इस व्यवस्था के लागू होने पर वनस्पति जगत और पशु जगत के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। आर्थिक प्रजातंत्र मनुश्यों और अन्य जीवों के वास्तविक जीवन मूल्य को स्थापित करेगी तथा समाज का सर्वागीण विकास होगा।
इस पत्रकार सम्मेलन में अरविन्द लाल, पारसनाथ प्रसाद, गिरजाषंकर जैसवाल अधिवक्ता, लाल बिहारी आनंद अधिवक्ता, मदन प्रसाद सिंह, सुधीर सिंह, इन्दू देवी, डाॅ0 आषु तथा अन्य लोगों ने भाग लिया।
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