छोटा तालसा के सभी निरक्षर ग्रामीणों का हुआ नामांकन, साल के अंत तक गांव को पूर्ण साक्षर बनाने  का लक्ष्य  

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गांव के ही शिक्षित युवा बनाएंगे इन्हे साक्षर, बांटी गयी लेखन पठन सामग्री 
प्रस्तावित 14 न्यूक्लिअर  स्कूल में से अब तक 10 हो चुके शुरू  
जमशेदपुर। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार  की पहल का असर जमशेदपुर प्रखंड के दूरस्थ गांव छोटा तालसा में दिखने लगा है। पिछले तीन दिनों के सर्वेक्षण  के उपरान्त गांव के चिन्हित  सभी 71 निरक्षर प्रौढ़ स्त्री पुरुषों का नामांकन  आज अनौपचारिक शिक्षा केंद्र में कर लिया गया।  गांव के 14 शिक्षित युवक युवतियां इन्हे पढ़ाकर साक्षर बनाएंगे।  नव नामांकित कुछ बुजुर्गों तथा सर्वेक्षण कार्य में  भाग लेने वाले स्थानीय युवाओं को संजय कुमार तथा जिला तपेदिक नियंत्रण पदाधिकारी डा0 एके लाल ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया।  इस  मौके पर पूर्व मुखिया कान्हू मुर्मू की अगुवाई में सभी  ग्रामीणों ने संकल्प लिया  कि नियोजित तरीके से साल के अंत तक गांव के हर नागरिक को पढ़ना लिखना सिखाकर गांव को पूर्ण साक्षर बनाएंगे।
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अब तक खोले जा चुके 10 न्यूक्लिअर स्कूल ( नाभिक पाठशाला)
 
इस माह के आरम्भ में योजना बनाई गयी थी कि लगभग 400 आबादी वाले इस गांव के 14 शिक्षित युवाओं के घर पर 14 अत्यंत छोटे छोटे अनौपचारिक स्कूल (न्यूक्लिअर स्कूल ) खोले जाएँ ताकि दूरी के कारण स्कूल न जा पाने वाले छोटे बच्चों को उनकी गली में ही अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा मिल सके।  उक्त 14 लक्ष्य के एवज में अब तक 10 नाभिक स्कूल खुल चुके हैं। इन 10 नाभिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्लेट, चाक, कॉपी, पेन्सिल आदि सामग्री  आज चिन्मया विद्यालय की शिक्षिका स्वीटी चटर्जी की तरफ से उपलब्ध करवाई गयी।
गांव में बने सामाजिक क्लब परिसर में पुस्तकालय सह  प्रौढ़ शिक्षा केंद्र  संचालित रहेगा जिसमे प्रतिदिन एक घंटे की कक्षा प्रौढ़ साक्षरता को लेकर होगी साथ ही दो घंटे की कक्षा के माध्यम से गांव के शिक्षित युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जायेगा । शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य पर भी फोकस रहेगा इसके लिए नियमित अंतराल पर सभी न्यूक्लिअर स्कूलों में स्वास्थ्य जांच का प्रबंध किया जा रहा है।
 
उपस्थित थे 
इस मौके पर अमिताभ चटर्जी, डा एके लाल , वीरेंद्र कुमार सिंह , विनोद कुमार , मांझी लाल बास्के, सुनीता सोरेन , सलगे हांसदा ,शकुंतला मुर्मू , श्रीमती कुंकल , दिकू टुडू , बाबूलाल  मुर्मू , सोमाय हांसदा, दशमत मुर्मू सहित गांव के लगभग एक सौ से अधिक ग्रामीण मौजूद थे।

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