चाईबासा।
चेन्नई के पेरंबूर में आयोजित नेशनल फैडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन का राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए NFIR के महासचिव डॉ एम रघुवैया ने कहा कि यदि भारत सरकार को कर्मचारियों को कुछ देना ही नही था तो कमिटी बना कर कर्मचारियों को बेवकूफ क्यों बनाया गया? क्योंकि न तो मकान भत्ते में कुछ दिया , और न हीं न्यूतम वेतन बढ़ाया ? बल्कि जो भत्ते मिल रहे थे, उन्हें भी आधे से अधिक समाप्त कर दिए। 13 लाख कर्मचारी जो 24 घंटे लगातार काम करते है, तव्हारो में भी ड्यूटी करते है। हर समय देश के आपदा में मुस्तैदी से काम करते है और रेलवे की अहमियत डिफेंस से कम नही।मल्टीप्लाई फेक्टर भी डिफेंस से काफी कम, क्योंकि सरकार की सोच ठीक नही है। रेलवे को पूंजीपतियों के हाथ बेचने पे तुली है। केंद्रीय कार्यकारणी में मांग कि गयी कि अपने डयूटी के दौरान ट्रैक पर शहीद ट्रैक मैन्टेनेरो को भी परमवीर चक्र जैसे अवार्डों से समानित किया जाए क्योंकि आंकड़े बताते है कि भारतीय रेल में प्रति वर्ष 700 ट्रैक मेंटेनर, सिंग्नल मैन्टेनेर अपनी जान गवाते है डयूटी के दौरान। कार्यकारणी को सम्बोधित करते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के महासचिव एस आर मिश्रा ने कहा कि रैलकर्मियो के कल्याण में कार्य कर रही संगठन को कार्यालय का भाड़ा और बिजली बिलों का भुकतान से मुक्त करना चाहिए क्योंकि एक तरह से ये सर्विस बिल्डिंग ही है जहाँ रात दिन कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े कार्य होते है।
सभी रनिंग कर्मचारियों को रेलवे बोर्ड ने 14.29 का फेक्टर दे कर पे- मैट्रिक्स बनाया है परंतु रनिंग स्टाफ को केवल 12.11 फेक्टर का लाभ दिया जो कि अन्याय पूर्ण कदम है।
रनिंग स्टाफ को 4200 से 4600 ग्रेड पे में अपग्रेड किया जाए।
नए तथा बढ़े हुए काम के अनुसार नए पदों का सृजन बिना मैचिंग स्लेंडर के स्वीकार किये जायें। केंद्रीय कार्यकारणी में आद्रा मंडल के मंडल संयोजक सुब्रतो डे, चक्रधरपुर के मंडल संयोजक शशि मिश्रा, गार्डेनरीच के एरिया इन्-चार्ज जयदीप बनर्जी, मेंस कांग्रेस के कोषाध्यक्ष दीपंकर रॉय आदि ने भाग लिया।
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