सुपौल-फारबिसगंज कोसी सीमांचल में बाढ़ की तबाही का मंजर जारी

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RAVI ROSHAN KUMAR (1)

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रवि रौशन कुमार

छातापुर  (सुपौल )    ।पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में भूटहा बाँध के टूटने से परमाण नदी का जलस्तर खतरे के निशान से अब ऊपर हो गया है। फलस्वरूप एक ओर जहाँ परमाण नदी का पानी तेज करेंट और धार के साथ मिट्टी कटान कर गाँव के किसानों के खेतों को बर्बाद कर रही है ,वही दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश की वजह से भी फारबिसगंज और आस-पास के ग्रामीण इलाके में  रमई. खवासपुर  अमहरा  खैरखा  आदि  गॉव  में  बाढ़ की स्थिति  उत्प्पन  हो गए है वही फारबिसगंज  के व खवासपुर में महिला समेत  दो लोगो की  डूबकर मरने  है   देवी व खवासपुर में नसीम उद्दीन की मोत उस समय हुए जब ये लोग बाढ़ के पानी में शौच  के लिए गए थी   बर्षा का पानी अब लोगों के घर में घुसकर ,उनकी तबाही का सबब बन रही हैं।ड़ोसी देश नेपाल के नरसिंह स्थित सुरसर बांध टूटने के कारण नरपतगंज प्रखण्ड के उत्तरी भाग के आधे दर्जन पंचायत में बाढ़ का पानी पसर गया है। निरंतर जल स्तर में बढ़ोतरी को लेकर क्षेत्र के लोग भयभीत हैं। ग्रामीण उंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। ऐसे में कुछ प्राथमिक व मध्य विद्यालय ग्रामीणों का आशियाना बन रहा है। बाढ़ के चलते ऐसे स्कूलों में छुट्टी दे दी गई है। सुरसर एवं खरहा धार पुरी तरह उफान पर है। सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब कर बर्वाद हो गई है।बिहार विकास युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने बताया कि मानिकपुर पंचायत के अमरोरी में महादलित बस्ती एवं यादव बस्ती पुरी तरह बाढ़ की चपेट में है।वे अपने सहयोगियों व ग्रामीणों के साथ स्थल पर मुस्तैद दिखे। अचरा, लक्ष्मीपुर, तोप नवाबगंज, मिर्जापुर, मधुरा उत्तर आदि गॉव की कमोबेश स्थिति यही है।मोर्चा अध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण व ग्रामीण अशोक यादव, किशुनदेव यादव, सत्यनारायण यादव, अगरचंद यादव, बिहारी यादव,रामेश्वर राम, मिश्रीलाल राम, सैनीराम, नंदन यादव, दयानंद यादव, विष्णुदेव यादव, महादेव यादव, उमेश यादव, दुर्गानंद यादव, धीरेन्द्र यादव, लोचन यादव, सुधीर यादव, नारायण यादव, रूपेश यादव नंदन यादव, सिंधु, नवजीत, सत्यजित, सियाराम आदि ने राहत मुहैया कराये जाने की मांग की हैनेपाल प्रभाग के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश से कोसी ,बागमती व महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने की आज भी संभावना व्यक्त की गयी है।शनिवार की सुबह 6 बजे कोसी बराज से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक जल निस्सरण के कारण से हुई जलवृद्धि भी बाढ के संकेत अभी से ही देने लगी है।हालांकि 22 जुलाई को कोसी बलतारा में 52 सेंटीमीटर व कुरसेला में 4 सेंटीमीटर नीचे था। इसी प्रकार बागमती बेनीबाद में 14 सेंटीमीटर व महानंदा ढेंगराहाघाट में 119 सेंटीमीटर व झावा में 42 सेंटीमीटर खतरे के निशान से उपर चल रहा था।जबकि 22 जुलाई को इन सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि के संकेतकेन्द्रीय जल आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दी है।नेपाल के काठमांडो में 9.0, ओखलडंगा में 38.0 टापलेजंग में 4.0, धनकुट्टा1.0,  नागरकोट, विराटनगर व धरान में साधारण वर्षापात पिछले 24 घंटे केअंदर रिकार्ड किया गया है। इन क्षेत्रों में बारिश होने से ही कोसी,बागमती समेत महानंदा के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ बिहार के सुपौल,मधुबनी, सहरसा, दरभंगा, खगड़िया, मधेपुरा, पूर्णिया, भागलपुर, कटिहार,किशनगंज, अररिया, सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर जिलों के बाढ से प्रभावित होने की संभावना प्रबल हो जाती है। वैसे शुक्रवार को कोसी के विभिन्न ईलाकों में भी जगह-जगह बारिश हुई है।

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