सरायकेला-हाथी द्वारा पटक दिए जाने से डूमरा गाँव में 18 वर्षीय छात्रा चिंतामणी सरदार की मौत

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गम्हरिया।

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बीते सोमवार की रात गम्हरिया प्रखंड के डुमरा गाँव में घुसे जंगली हाथी द्वारा दिलीप सिंह मुंडा की 18 वर्षीय पुत्री चिंतामणी सरदार को पटक दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। घटना सोमवार-मंगलवार की रात्रि करीब ढ़ाई बजे की बताई जाती है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, चिन्तामणी अपनी बड़ी बहन लखी सरदार के साथ शौच हेतु घर के बाहर आँगन में निकली थी। इसी दौरान अचानक पीछे से हाथियो द्वारा उसपर हमला कर दिया गया। हाथी से बचने के लिए दोनों बहन आँगन से घर की गली की ओर भागने लगी। इस दौरान  बड़ी बहन लखी सरदार गली से भागकर निकल गई लेकिन चिंतामणी भाग नहीं पाई। इसी क्रम में वह हाथी के चंगुल में चली गई। हाथी द्वारा उसे सुढ़ में लकर गली से बाहर आकर जमीन पर पटक दिया जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि आँगन से बाहर जंगल की ओर रास्ता जाता है और पहाड़़ भी काफी नजदीक है। इस कारण उक्त रास्ते से होकर गाँव में अक्सर हाथियों का आना जारी रहता है। ग्रामीणों के अनुसार, शाम से ही गाँव में बिजली नहीं थी। इस कारण अंधेरा में ही हाथी गाँव में प्रवेश करता है। बिजली की रोशनी रहने से हाथियों का झुण्ड घर तक नहीं आता है। बताया जाता है कि मृतिका चिंतामणी राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय, नरेन्द्र नगर, कांड्रा की दसवीं कक्षा की छात्रा थी। घटना की जानकारी मिलते ही मंगलवार की सुबह मुखिया प्रतिनिधि राम हांसदा घटनास्थल पर पहुँचे और इसकी सूचना कान्ड्रा पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना पाकर कान्ड्रा थाना के अवर निरीक्षक सचदेव सिंह, रेंजर सुरेश प्रसाद व वनपाल दिलीप मिश्रा घटनास्थल पर पहुँचे। अधिकारियों द्वारा मृतक के परिजन को चार लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया। रेंजर द्वारा तत्काल 25 हजार रुपये का भुगतान करते हुए शेष राशि का चेक शीघ्र ही देने की बात कही गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भेज दिया।

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