
रांची -विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर एक दिवसीय झारखंड बंद की
घोषणा करने वाले झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के बोल इस मसले पर संसद
में नहीं फूटे। बाबूलाल ने 15वीं लोकसभा में एक भी सवाल नहीं उठाया।
राज्य के एक तिहाई सांसदों की यही स्थिति रही। लोकसभा में झारखंड के 13
सांसदों (लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा को छोड़कर) में चार सांसदों के
बोल तक नहीं फूटे। इनमें झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन, कांग्रेस सांसद
सुबोधकांत सहाय और भाजपा के देवीधन बेसरा प्रमुख हैं। 1सदन में उपस्थिति
को लेकर भी इन सांसदों का ट्रैक रिकॉर्ड कुछ बेहतर नहीं रहा। 15वीं
लोकसभा में बाबूलाल मरांडी 98 दिन उपस्थित रहे। कुल कार्यदिवस के लिहाज
से देखें तो यह उपलब्धि 27.45 प्रतिशत रही। वहीं शिबू सोरेन 81 दिन सदन
पहुंचे। सुबोधकांत की उपस्थिति भी संतोषजनक नहीं रही।
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