शेखपुरा-जिले के मटोखर गाँव में दबंगो ने करीब दर्जन भर महादलित परिवार को अपनी दबंगई का भय दिखाकर उन्हें गाँव छोड़ने को मजबूर किया

ललन कुमार

शेखपुरा.।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही बिहार में सुशासन होने का दावा करते हैं लेकिन शेखपुरा जिले के मटोखर गाँव में दबंगो ने करीब दर्जन भर महादलित परिवार को अपनी दबंगई का भय दिखाकर उन्हें गाँव छोड़ने को मजबूर कर सुशासन की हवा निकाल दी है ।सरकार द्वारा दिए गए साढ़े तीन डिसमिल जमीन पर सदर प्रखंड के मटोखर गाँव के दर्जनों महादलित परिवार बसे थे ।1989 में तत्कालीन समाहर्ता मुंगेर जिला द्वारा पर्चा भी निर्गत है लेकिन दबंगो ने महादलित परिवारों को बेघर कर दिया है । महादलित परिवारों में माया देवी ,कंचन देवी, सविता देवी सुनरवा देवी ,मंती देवी समेत दर्जनों महिलाओं ने कहा कि सरकार द्वारा उन्हें साढ़े तीन डिस्मिल जमीन का पर्ची मुहैया कराकर दखल कब्जा दिलाया गया था लेकिन गाँव के ही यादव समुदाय के दबंगों ने उनके जमीन पर बने झोपडी को उजाड़ कर फेंक दिया ।उनके पशुओं को मारपीट कर हांक दिया ।साथ ही इस जमीन पर बसने को लेकर जान मारने की धमकी भी दी ।इस मामले का नेतृत्व कर रहे सीपीआई के जिला सचिव प्रभात पाण्डेय ने कहा कि नीतीश की प्रशासन गूंगी और बहरी हो चुकी है ।दबंगों का राज आ चूका है ।दबंग लोग गरीब पर जुल्म ढाये जा रहे हैं लेकिन प्रशासन के लोग उसे टुकुर टुकुर देख रहे हैं। कहाँ गया नीतीश का सुशासन । यहां तो अंधेर नगरी चौपट राजा है ।उन्होंने कहा कि सरकार महादलितों को जमीन देती ही क्यों है जब उसपर कब्जा नहीं दिलवा पाती है ।केवल सीओ ,बीडीओ कागज पर कब्जा दखल दिखला कर अपना पिंड छुड़ा लेते है ।उन्होंने कहा कि केवल मटोखर गाँव ही नही है ऐसे कई गाँव है जिले में जहां दबंगो द्वारा सरकार द्वारा दिए गए साढ़े तीन डिस्मिल जमीन पर कब्जा होने नहीं दिया जा रहा है ।जिले के प्रशासन पर निकम्मा होने का भी उन्होंने आरोप लगाया ।
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