
ऽ सखी मंडलों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की बिक्री/मार्केटिंग के लिए 17 करोड़ रू0 की लागत से अरबन हाट का किया जा रहा है निर्माणः रघुवर दास
राची।

राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जवाहर स्टेडियम सेक्टर-3, रांची में आयोजित आजीविका महिला महासम्मेलन का द्वीप प्रज्जवलन कर उद्घाटन किया । इस अवसर पर उन्होंने महासम्मेलन में आयी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रुप से सशक्त बनाने के लिए समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना जरुरी है। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमाारे देष की महिलायें हमेषा से सषक्त और सबल रहीं हैं लेकिन बदलते वक्त ने महिलाओं के सम्मान को धुमिल कर दिया था। आज महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रुप से मजबूत करने की जरुरत है। जिसके लिये सरकार और समाज को मिल कर काम करना होगा। उन्होंने महिला महासम्मेलन में आयी महिला सखी मंडल के सदस्यों से आग्रह किया कि वे सरकार की योजनाओं को घर घर तक पहुंचाने में मदद करें और देश के विकास में भागीदार बनें।
समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार एक लाख उद्यमी सखी को निःषुल्क मोबाईल देगी। इससे डिजिटल झारखण्ड एवं कैशलेस अभियान को सुदूरवर्ती गांवों में भी बढ़ावा मिलेगा। उद्यमी सखी मंडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 600 करोड़ की तेजस्विनी योजना एवं 1400 करोड़ के जोहार योजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में गर्भवती माताओं को 6000 रूपया मातृत्व लाभ की राषि मिलेगी। पहले कुछ जिलों में गर्भवती माताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। कृषि, मत्स्य, पशुपालन एवं बागवानी की सरकारी योजनाओं में अनुदान की राषि डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे सखी मंडलों के खाते में जमा होगी। ग्राम पंचायतों की स्थायी समिति में ग्राम संगठनों की दीदीयों का प्रतिनिधित्व 33 प्रतिषत होगा। सखी मंडलों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की बिक्री/मार्केटिंग के लिए 17 करोड़ रू0 की लागत से अरबन हाट का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि विश्व बैंक के सहयोग से तेजस्विनी योजना के अन्तर्गत 17 जिलों में 14-24 वर्ष आयुवर्ग की किशोरी बालिकाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण किया जाएगा। इनको अनौपचारिक शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराकर माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तथा बाजार की मांग के अनुरूप कौशल विकास किया जाएगा। किशोरी बालिकाओं को समूह में संगठित कर प्रत्येक 2 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक तेजस्विनी कल्ब स्थापित की जाएगी। शिक्षा तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के सभी पाठ्यक्रमों को पूरा करने के उपरांत सफल लाभुकों को 10 हजार रू0 की प्रोत्साहन राशि उनके बैंक खाते में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 1400 करोड़ की जोहार योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है, गरीब की जिंदगी में बदलाव लाना है। इस योजना के तहत अपना व्यापार करने/कुटीर उद्योग स्थापित करने/लघु उद्योग स्थापित करने हेतु राशि मुहैया की जाएगी।
श्री दास ने कहा कि 3 लाख गरीब महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन एवं गैस चुल्हा दिया गया है। आगामी 3-4 वर्षों में सभी 23 लाख बी0पी0एल0 परिवारों को गैस कनेक्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 480000 महिला उद्यमी को राज्य में तैयार कर उन्हें सषक्त बनायें। राज्य स्तर पर महिलाओं के लिए समाचार पत्र/पत्रिका का प्रकाशन किया जाएगा। इसमें सखी मंडल द्वारा किए गए कार्यों के साथ-साथ गांव की समस्याओं का भी जिक्र होगा। सखी मंडल की बहने संवाददाता रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं का अहम योगदान रहा है। वही समाज सशक्त हुआ है, जहां महिलाएं सशक्त हुई हैं। इनका शैक्षणिक, समाजिक एव आर्थिक विकास कर तथा बराबर का दर्जा देकर हम सशक्त कर सकते हैं। संविधान में समानता का सिद्धांत प्रतिपादित है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली जीव शेर की सवारी करती है दुर्गा। दुर्गा शक्ति अर्थात नारी शक्ति। ऐसे कई उदाहरण हैं जब नारी शक्ति ने संकटग्रस्त परिवार को संकट से उबारा है। नारी शक्ति ने कई अवसरों पर राज्य एवं देश का नाम रौशन किया है। झारखंड की महिलाएं मात्र घर-परिवार ही नहीं संभालती है वरन, कृषि प्षुपालन, व्यापार, उद्योग इत्यादि भी करती हैं। हमारी सरकार जो कहती है, वह करती है। हम इनको सषक्त करेंगे।
श्री दास ने कहा कि आदिवासियों एवं गरीबों के नाम पर क्षुद्र राजनीति की जाती रही है, लेकिन उनके जीवन का उदद्ेष्य है-झारखंड से गरीबी दूर करना, पलायन रोकना एवं रोजगार देना, झारखंड का विकास करना, झारखंड को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करना। मदर डेयरी के सहयोग से पूर्वांचल का सबसे बड़ा फूड प्रोसेसिंग प्लांट नगड़ी,रांची में में शुरू हो चुका है। इससे किसानों को फायदा तो होगा ही, रोजगार का भी श्रृजन होगा। सरकार टैक्सटाइल पार्क लगाने जा रही है। लिबर्टी कम्पनी ने भी झारखंड में जूता निर्माण का प्रस्ताव दिया है। लाह का प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर इसे विदेष में निर्यात किया जाएगा। झारखंड में बने लाह की चुड़ी की ब्रांडिग भी की जाएगी। सिल्क उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। मांग के अनुरूप देष के प्रख्यात डिजायनरों के डिजाइन के अनुरूप सिल्क की सामग्रियां तैयार की जाएंगी। इन सब कार्यों से कुटीर उद्योग/लघु उद्योग विकसित होगा। इससे महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कुपोषण को भी दूर करना है। भ्रुण हत्या नही होनी चाहिए। यह पाप है। श्रृष्टि को जन्म लेने दो, दुनिया इसी से चलेगी। उन्होंने कहा कि पहले झारखंड को भ्रष्टाचार एवं लूट के लिए जाना जाता था। अब विकास की ओर उन्मुख झारखंड के रूप में जाना जाता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि पिछले महासम्मेलन में विभाग ने राज्य के 36000 गांवों में कुल 2 लाख सखी मंडल बनाने का लक्ष्य तय किया था और एक साल के अंदर ही 72000 महिला सखी मंडल बना लिया गया है जो मार्च तक 80000 का आंकड़ा पार कर जायेगा। वहीं उन्होंने महिला सखी मंडल के लिए सभी पंचायत भवनों में एक कमरा मंडल को देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य का विकास महिलाओं के विकास से जुड़ा है। सरकार महिलाओं को अपने लाभकारी योजना के माध्यम से आगे बढ़ाने का काम कर रही है। इस मौके पर श्री मुंडा ने सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामना दी।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री श्रीमती लुईस मरांडी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुरु हुए तेजस्वनी योजना की सफलता महिलाओं पर निर्भर करती है। यह योजना राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। श्रीमती मरांडी ने कहा कि सभी को विकास में भागेदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लेना चाहिए।
कार्यक्रम में महिला सखी मंडल के प्रतिनिधियों को महिला दिवस की शुभकामना देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने कहा मुख्यमंत्री की सोच है कि झारखण्ड की तरक्की, यहां की महिलाओं की तरक्की से ही होगी। यही कारण है कि महिला के विकास के लिए योजनाएं बनायी जा रही है। सखी मंडल को सरकार के सभी योजनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है। महिला देश की आधी आबादी है उनको सषक्त बनाये बिना देष एवं राज्य का विकास नहीं हो सकता है। श्रीमती वर्मा ने राज्य से डायन प्रथा को खत्म करने की बात भी कही।
सममेलन में अपर मुख्य सचिव श्री अमित खरे, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास श्री एन0एन0सिन्हा, प्रधान सचिव महिला एवं बाल विकास श्री एम0एस0भाटिया, विषेष सचिव ग्रामीण विकास श्री परितोष उपाध्याय, जिला समाज कल्याण पदाधिकारीगण, लाडली लक्ष्मी योजना एवं कन्यादान योजना के लाभुकगण एवं राज्य के विभिन्न जिलों से आये महिला संगठनों की माताएं-बहनें एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।