रांची।
लोग विकास चाहते है। अब विकास बुनियादी सुविधाएं और रोजगार को केन्द्र में रखकर करना होगा। गरीबी-पलायन से दूर झारखण्ड को खुशहाल बनाना है। यह बात मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज यह बात जनजातीय परामर्शदातृ समिति की बैठक में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सदस्यों ने अपने विचार और सुझाव दिये-यह सकारात्मक है तथा टीएसी की सबसे बड़ी उर्जा है।
बैठक में श्री ताला मरांडी, श्री शिव शंकर उरांव, श्री जेबी तुबिद, श्री लक्ष्मण टुडू श्रीमती गंगोत्री कुजूर, श्रीमती बिमला प्रधान, श्री रतन तिर्की ने यह सुझाव दिया कि क्या सीएनटी की धारा 49(ं1) के सरलीकरण के प्रस्ताव के बदले भूमि सुधार अधिनियम 2013 में सुधार कर राज्य सरकार विकास के कार्य में तेजी ला सकती हैघ् इस पर मुख्यमंत्री ने अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार से परामर्श देने को कहा। अपर महाधिवक्ता ने यह परामर्श दिया कि भूमि सुधार विषय संविधान के समवर्ती सूची में होने के कारण राज्य सरकार इस पर अलग कानून बना सकती है जिस पर माननीय राष्ट्रपति का विहित प्रक्रिया के अन्तर्गत प्राप्त करना होगा। कई अन्य राज्यों ने भी इस विषय पर अपना अधिनियम बनाया है। इस पर टीएसी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि अपर महाधिवक्ता की राय के अनुरूप सीएनटी की धारा 49(ं1) के सरलीकरण के प्रस्ताव के बदले भूमि सुधार अधिनियम 2013 में अपेक्षित सुधार हेतु सरकार विधेयक लाए तथा उस पर माननीय राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त करे ताकि, जनजातीय समाज को भू-अधिग्रहण का मुआवजा कम से कम समय में मिल सके और विकास का कार्य भी तेजी से हो सके।
टीएसी के सभी सदस्यों ने सीएनटी की धारा 71(क) जिसमें अनुसूचित जनजातियों की अवैध रूप से अंतरित भूमि की भूवापसी के प्रावधानों में सरलीकरण के प्रस्ताव को एक सराहनीय एवं जनजातीय हितों के अनुरूप बताया। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि सरकार इस विषय पर कैबिनेट में विचार करेगी और निर्णय लेगी।
टीएससी के सदस्य तथा मंत्री श्री नीलकंठ सिंह मुण्डा ने जनजातीय जनसंख्या के प्रतिशत में वर्ष 1947 से अबतक हो रहे क्रमिक ह्ास पर गम्भीरता से विचार करने का प्रस्ताव दिया। मुख्यमंत्री ने इसे चिंतनीय पहलु बताते हुए इनके कारणों तथा इस पर सकारात्मक सुझाव देने हेतु श्री नीलकंठ सिंह मुण्डा की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की घोषणा की जिसके सदस्य श्री ताला मरांडी, श्री शिवशंकर उरांव, श्रीमती गंगोत्री कुजूर, श्री रतन तिर्की होंगे। यह समिति पूरे राज्य का भ्रमण कर समग्रतः से इस विषय पर चार महीने में अपने सुझाव देगी।
टीएसी के सदस्य तथा विधायक श्री राम कुमार पाहन ने यह सुझाव दिया कि सीएनटी एक्ट में संशोधन कर जनजातीय समुदाय के लोग आवासीय उद्देश्य से एक अधिसूचित थाना क्षेत्र के अन्तर्गत भूमि की क्रय-विक्रय के प्रावधान को थाना क्षेत्र के अन्तर्गत की बाध्यता से मुक्त किया जाए तथा एसपीटी एक्ट में संशोधन कर संताल परगना के में गैर जनजातीय लोगों के द्वारा गैर जनजातीय लोगों को आवासीय उद्देश्य से भूमि के क्रय-विक्रय की अनुमति भी दी जाए। इस सुझाव पर मुख्यमंत्री ने एक और समिति बनाए जाने की घोषणा की जिसकी अध्यक्ष समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी होंगी तथा इसके सदस्य श्री जेबी तुबिद, श्रीमती मेनका सरदार, श्री राम कुमार पाहन होंगे। यह कमिटि सीएनटी में पुराना थाना क्षेत्र की अवधारणा तथा उक्त थाना क्षेत्र के अन्तर्गत भूमि क्रय-विक्रय के वर्तमान प्रावधान पर समग्रतः विचार करेगी और अपने सुझाव देगी। साथ ही यह कमिटि संताल परगना क्षेत्र में गैर जनजातीय लोगों द्वारा गैर जनजातीय लोगों को भूमि क्रय-विक्रय पर भी समग्रतः विचार करते हुए अपने सुझाव देगी। यह समिति बुद्धिजीवियों तथा सभी पक्षों की राय लेकर अपनी अनुशंसा टीएसी को चार माह में करेगी। उपरोक्त दोनों कमिटि में कल्याण सचिव श्रीमती हिमानी पाण्डेय सदस्य सचिव रहेंगी। कमिटि जिन क्षेत्रों में जाएगी वहां पहले से समाचार में विज्ञापन देकर आने की सूचना देगी ताकि, अधिक से अधिक लोग अपने सुझाव दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लाख आदिवासी जो भूमिहीन हैं, सरकार उन्हें भूमि देगी। श्री रघुवर दास ने यह घोषणा की कि राज्य के सभी नियुक्तियों और नामांकनों में यह आदेश जारी कर दिया गया है कि जाति प्रमाण पत्र के लिए उम्मीदवार एक एफिडेविट जमा करेंगे तथा दो माह के अन्दर अपना वैधानिक जाति प्रमाण पत्र देंगे। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मामलों में निर्गत प्रमाण पत्र वैध रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी नौकरी के लिए ऑनलाईन आवेदन भरने का प्रावधान किया गया है, अगर कोई फर्जीवाड़ा करता हुआ पाया गया या अन्य प्रपत्रों पर आवेदन लेकर बेरोजगारों को गुमराह करने का कोशिश किया तो उनके विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिले में यह ध्यान रखेंगे कि इस प्रकार का कोई फर्जीवाड़ा न हो।
टीएसी के सदस्यों ने सभी प्रकार के विवाहों को रजिस्टर्ड किए जाने हेतु सुझाव दिया है, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इसपर जल्द ही पहल करेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास सह अध्यक्ष टीएसी, उपाध्यक्ष डॉ लुईस मरांडी, टीएसी के सदस्य श्री नीलकंठ सिंह मुण्डा, श्री अमर कुमार बाउरी, श्री शिवशंकर उरांव, श्री जेबी तुबिद, श्री राम कुमार पाहन, श्रीमती मेनका सरदार, श्रीमती बिमला प्रधान, श्रीमती गंगोत्री कुजूर, श्री हरिकृष्ण सिंह, श्री लक्ष्मण टूडू, श्री ताला मरांडी, श्रीमती मेनका सरदार, श्री सुखदेव भगत, श्री रतन तिर्की तथा राज्य सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त श्री अमित खरे, कार्मिक प्रधान सचिव श्रीमती निधि खरे, भूराजस्व सचिव श्री केके सोन, कल्याण श्रीमती हिमानी पाण्डेय, महाधिवक्ता श्री अजीत कुमार ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
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