रांची।
झारखंड अभिभावक मंच के अध्यक्ष अजय राय ने एक पत्र के माध्यम से सरकार के मुख्यमंत्री सहित मानवसंसाधन मंत्री से मांग की है कि राज्य के सवा तीन करोड़ जनता को ध्यान में रखते हुए जो कही न कही एक अभिभावक है, चाहे वो माता पिता,बेटा, बेटी ,या इन्हें जिस रूप में देखें राज्य का हर ब्यक्ति सरकारी गैर सरकारी स्कूलो के मनमानी व,उदासीनता से परेशान है जिसके कारण इसका सीधा प्रभाव बच्चों के ऊपर पड़ रहा है ऐसे में सरकार गंभीर हो और निम्नलिखित मांगो पर सहानुभूति पुर्वक विचार कर इसका समाधान करे चुकी ये पूर्ण बहुमत की सरकार है । निम्नलिखित बिंदु ….
1) रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 जो प्रवर समिति के सामने पेंडिंग है उसको विधान सभा से पारित करा कर लागू करवाना ।
2. शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का अक्षरश: से अनुपालन सुनिश्चित कराना।
3. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में ऐसे छात्र-छात्राएं जो उसी स्कूल से सभी विषय पर उतीर्ण घोषित किए गए बिना गुनाह नामांकन शुल्क लिए हुए कक्षा-11 में शिक्षा सुनिश्चित कराना।
4. शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कमजोर एवं वंचित वर्ग के कोटे के अंतर्गत सभी स्कूलों में कुल सामर्थ्य संख्या के 25 % सीटों के विरुद्ध नामांकन सुनिश्चित कराना।
5.केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली के द्वारा दिए गए निर्गत अधिसूचना के आलोक शुल्क संरचना सहित सभी आधारभूत संरचना को स्कूल के अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कराने के संबंध।
6 सभी कोटि के निजी विद्यालय एवम सरकारी विद्यालय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में छात्र छात्राओं का सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराना।
7 .सभी कोटि के निजी विद्यालय में बच्चों के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना तथा शुल्क का निर्धारण नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर सुनिश्चित करना।
8 . राज्य में संचालित सभी कोटि के सरकारी /गैरसरकारी विद्यालय जो CBSE या ICSE से संबद्धता प्राप्त किए हो या राज्य सरकार के द्वारा स्थापना अनुमति प्राप्त कर संचालित कर रहे हैं उन्हें उन्हें उक्त संस्था के नियमावली को पालन करने के लिए बाध्य करने का प्रयास।
9 . राज्य सरकार के द्वारा CBSE या ICSE विद्यालयों से सम्बद्धता प्राप्त करने के पूर्व दी जाने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रावधानों एवम शर्तो का अक्षरश : अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास।
10. झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण नियमावली 2006 में संसोधन करते हुए न्यायाधिकरण में दर्ज कराये जाने वाले वाद /शिकायत में प्रतिनिधि के माध्यम से वादी अथवा प्रतिवादी को अन्य न्यायाधिकरण की तरह अपना पक्ष रखने सम्बन्धी प्रावधानों का समायोजन सुनिश्चित कराने का प्रयास।
अजय राय ने बताया कि इन मुद्दों पर मंच का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलकर उन्से इस संबंध में कार्रवाई की मांग करेगा ।
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