पटना – राफ्टिंग अभियान के अंतिम चरण में ’मिशन गंगे’ टीम पहुंची पटना

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पटना। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन  चीफ बचेंद्री पाल के नेतृत्व में ’मिशन गंगे’ की टीम आज गंगा की सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने राफ्टिंग अभियान का अंतिम पड़ाव पटना पहुंची।
40 सदस्यीय टीम 27 अक्टूबर को बक्सर में एक दिवसीय ठहराव के बाद पटना पहुंची। यहां उन्होंने गंगा घाट से 3.5 टन कचरा साफ किया। हरिद्वार, बिजनौर, फर्रुखाबाद, कानपुर और इलाहाबाद और वाराणसी के बाद बक्सर मिशन गंगे की टीम का सातवां पड़ाव था।
बक्सर में गंगा टास्क फोर्स और गंगा विचार मंच के 500 स्वयंसेवक मिशन गंगे की टीम के साथ जुड़े। टीम ने अपने साथ इस काम में विभिन्न स्कूलों के 3800 विद्यार्थियों और 1000 से अधिक स्थानीय लोगों को भी जोड़ा। टीम ने यहां प्रभात फेरी का आयोजन किया, जिसमें 250 लोगां ने हिस्सा लेकर स्वच्छता का संदेश प्रसारित किया। इसके बाद रामरेखा घाट में गंगा आरती की गयी। मिशन गंगे की टीम 28 से 30 अक्टूबर तक पटना में रहेगी। टीम के सदस्य विभिन्न घाटों में स्वच्छता अभियान चलायेंगे और विभिन्न स्कूलों का दौरा करेंगे। इसके बाद टीम गांधी मैदान में एक स्वच्छता रैली में भी हिस्सा लेगी।
‘मिशन गंगे‘ अपशिष्ट प्रबंधन और गंगा की सफाई के लिए एक महीने के राफ्टिंग अभियान के माध्यम से जागरूकता प्रसार के लिए टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की संयुक्त पहल है। राफ्टिंग के माध्यम से लगभग 1,500 किलोमीटर की दूरी तय कर अभियान को पूरा किया जायेगा। यह अभियान बिजनौर, फर्रुखाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और बक्सर समेत आठ प्रमुख शहरों से होते हुए 30 अक्टूबर, 2018 को पटना में समाप्त होगा।
माउंट एवरेस्ट पर विजय पाने वाली पहली भारतीय महिला और टीएसएएफ की चीफ सुश्री बचेंद्री पाल इस 40 सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रही हैं।
टीएसएएफ ने मिशन के लिए 40 सदस्यों (20 पुरुष $ 20 महिलाएं) की एक विविध और मेहनती टीम का चयन किया है। इसमें माउंट एवरेस्ट पर विजय पाने वाले 8 पर्वतारोही और 26 टाटा स्टील कर्मचारी हैं। इसके अलावा, इंजीनियर, पर्यावरण कार्यकर्ता, विज्ञान आदि विभिन्न पृष्ठभूमि से भी प्रोफेशनल्स को टीम में शामिल किया गया है। इस टीम को अभियान के दौरान सभी संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है। विभिन्न शहरों, कस्बों आदि में प्रवास के दौरान टीम अपशिष्ट प्रबंधन, गंगा में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए घाटों और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलायेंगे तथा स्कूलों व संस्थानों का भ्रमण करेंगे।

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