सोनम कुमारी

दुमका।
दुमका शहर के दुधानी मुहल्ले में एक विवाहिता ने अपने मायके में फांसी लगाकर जान दे दी लेकिन कहते है कि विवाहिता की अर्थी उसके ससुराल से ही उठती है। बहरहाल सोमवार को इसी परम्परा के तहत उसकी अर्थी इसी शहर में अवस्थित उसके ससुराल से उठी। इसी देखकर शहर के लोगों की आंख ेनम हो गयी और लोग हतप्रभ रह गये। हालांकि मायके वाले ने विवाहिता के ससुराल के परिजनों पर महिला को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उसकाने का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार 28 वर्षीया ज्योति कुमारी गुप्ता अपने मायके दुधानी में फांसी लगाकर जान दे दी। मायके के परिजनों द्वारा शिकायत दर्ज किये जाने के बाद से ससुराल पक्ष के परिजन भय से फरार है। परिजनों ने उसके ससुराल से उसकी अर्थी उठाई। हालांकि अंतिम संस्कार में ससुराल का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ। पुलिस ने मृतका के पिता और उसके द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर पति समेत सात लोगों पर दहेज हत्या का मामला दर्ज किया है। घटना के बाद सभी आरोपी फरार है।
पढ़ने में मेधावी रही ज्योति की शादी 2 दिसंबर 16 को शहर के सन साइन गली में रहने वाले बसंत कुमार साह के साथ हुई थी। बसंत पश्चिम बंगाल के सिउड़ी यूको बैंक में शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव मायके ले जाने की बजाय ससुराल ले गए और बंद घर के आगे शव रखकर अंतिम संस्कार की सारी तैयारी। परिजनों की ओर से गया प्रसाद साह ने कहा कि विवाहिता की अर्थी उसके ससुराल से ही उठती है। इसलिए शव मायके नहीं ले गए। अंतिम संस्कार की सारी तैयारी देखने के लिए घर के बाहर लोगों की तब तक भीड़ लगी रही, जब तक उसकी अर्थी नहीं उठी। हर कोई इस घटना से हतप्रभ था। पिता जय नारायण भगत का कहना था कि बड़े अरमानों से बेटी को विदा किया था। शादी के एक माह बाद से ही उसे दहेज में कार और घर बनाने के लिए पैसों की मांग की जाने लगी। मांग पूरी नहीं हो पाने के कारण सभी उसके साथ मारपीट किया करते थे। मायके आने पर सारी बात बताती थी। 11 जनवरी को घर आयी तो उसे पूरी तरह से समझाया। 23 जनवरी को भैसुर विजय साह और उसकी बहन विदा करा ले गई। जाते समय कहा कि भाई जो मांग रहा है, उसे पूरा करो, नहीं तो भुगतना होगा। एक अप्रैल को वह रोती हुई घर आई और बताया कि सभी ने मारपीट कर घर से निकाल दिया है। पति कहता है कि गर्भ जो बच्चा पल रहा है , उसका गर्भपात कराओ। इंन्कार करने पर बेटी के सारे गहने उतरवा लिए। उनका कहना है कि दहेज की मांग पूरी नही होने पर सभी ने उसे इतना प्रताड़ित किया कि वह जान देने को मजबूर हो गई।
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लिखावट की पुलिस कराएगी जांच
मरने से पहले ज्योति गुप्ता ने जो सुसाइड नोट छोड़ा हैं, उसके पति, ननद और भांजी को अपनी मौत के लिए जिम्मेवार ठहराया है। नोट में प्रताड़ना का जिक्र किया गया है। जबकि पिता ने थाना में जो प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसमें ससुराल पक्ष के अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस अब सुसाइड नोट की राइटिंग की जांच कराकर यह जानने का प्रयास करेगी कि नोट ज्योति ने लिखा है या फिर किसी दूसरे ने ।
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पति को ही ठहराया मौत के लिए जिम्मेवार
मरने से पहले ज्योति ने छोड़े गए नोट में कहा है कि वह मरना नहीं चाहती थी। अपना घर बसाने के लिए पति के कहने पर नौकरी छोड़ी लेकिन इसके बाद भी वे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। मुझे मरने के लिए मजबूर होना पड़ा है। भगवान को पति को कभी माफ नहीं करे। मेरी मौत की जिम्मेवार पति, नेहा और किया दीदी हैं। प्रबंधक पति समेत पुलिस ने मृतका के पिता जय नारायण भगत के बयान पर यूको बैँक में प्रबंधक पति बसंत कुमार साह, बड़े भाई यशवंत साह, उनकी पत्नी पूजा देवी, भांजी नेहा कुमारी व किया देवी, भाई विजय साह और बहन के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया है। घटना के बाद से सभी आरोपी घर में ताला लगाकर फरार हो गए हैं।