द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. शशि थरूर ने आज यहां अशिक्षित मुस्लिम वयस्कों को साक्षर भारत अभियान के अंतर्गत कामकाजी साक्षरता प्रदान करने के लिए मौलाना आजाद तालीम-ए-बालिगान योजना -हुनर- का शुभारंभ किया। ‘हुनर’ के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा और व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण दोनों प्रदान किए जाएंगे। इसके अंतर्गत एक करोड़ अशिक्षित मुस्लिम युवाओं को ‘कवर’ किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने मौलाना आजाद तालीम-ए-बालिगान योजना के अंतर्गत शुरू में 2.5 लाख अशिक्षित मुस्लिम युवाओं को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने और करीब तीन लाख मुस्लिम युवाओं को आजीविका के लिए कौशल प्रशिक्षण देने का निश्चय किया है। उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था को भी निरंतर जारी रखा जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत वर्तमान पंच वर्षीय योजना के दौरान 600 करोड़ रुपये के आवंटन से 410 साक्षर भारत जिले ‘कवर’ किए जाएंगे।
श्री थरूर ने कहा कि शिक्षा न केवल पढ़ना और लिखना सिखाती है बल्कि यह बेहतर आजीविका, सशक्तिकरण और लैंगिक समानता भी प्रदान करती है। शिक्षा के प्रचार-प्रसार के ध्येय से देश भर में केरल के मॉडल से प्रेरणा ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि साक्षरता को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक उत्थान की नीति के अंतर्गत आज एक मानव अधिकार, विकास का एक संकेतक और समानता के उत्प्रेरक के रूप में स्वीकार किया जा चुका है।
जयपुर के मौलाना फजलुर् रहीम मुजाददीदी ने इस अवसर पर कहा कि देश के अल्पसंख्यक बहुल जिलों में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के ढांचे के अनुरूप अल्पसंख्यकों के लिए स्कूल खोले जाने चाहिए। इस अवसर पर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव श्री आर. भट्टाचार्य भी उपस्थित थे।
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