जामताड़ा—वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य सचिव ने डीसी को विकास कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश

-अधूरी व धीमी कार्य को प्राथमिकता के तहत पूरा करने के दिए निर्देश
अजीत कुमार, जामताड़ा.06 जनवरी

कार्य संस्कृति को समुन्नत व योजनाओं को प्रभावशाली क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने को लेकर झारखंड सरकार के निर्देशानुसार डीसी शशिरंजन प्रसाद सिंह अमलीजामा पहनाने में जुट चुके हैं। मंगलवार को रांची से पूर्वाह्न में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास, एनआरएलएम, डीबीटी, इंदिरा आवास, मनरेगा, अभिसरण (कन्वर्जेंस), एमआईएस व अन्य बिंदुओं पर जामताड़ा जिला में कार्य प्रगति व सुचारू संचालन को लेकर सचिव ग्रामीण विकास विभाग से डीसी रूबरू हुए। इस दौरान कई निर्देश मिला। साथ हीं विकास योजना किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होने की बात कही गई। मौके पर डीडीसी बाघमारे प्रसाद कृष्ण व ग्रामीण विकास अभिकरण के अन्य कर्मी और पदाधिकारी मौजूद थे।
कार्यालय कक्ष में डीसी से मिले विभिन्न विभागों के पदाधिकारी
वहीं दूसरी ओर वीडियो काफ्रेंसिंग की समाप्ति के बाद डीसी के कार्यालय कक्ष में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की बारी-बारी से उपस्थिति होती रही। एडीबी प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन करीब 331 किमी गाेविंदपुर-साहेबगंज राज्य उच्च पथ सड़क निर्माण में कुछ वास्तविक रैयतों को कथित मुआवजा नहीं मिलने की बात सामने आने को लेकर पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता, प्रोजेक्ट मैनेजर व संबंधित पदाधिकारी से डीसी ने पूछताछ की। उन्हें कार्य में तेजी लाने का भी निर्देश दिया। नगर पंचायत जामताड़ा के कार्यपालक अभियंता व जेई को कार्यालय में बुला कर डीसी ने पर्वत विहार के सौंदर्यीकरण को लेकर जरूरी निर्देश दिए। कहा कि जिला मुख्यालय अवस्थित पर्वत विहार को पर्यटन स्थल मान कर आए दिन दूर-दराज क्षेत्र से भी लोग सैर-सपाटा व मनोरंजन के ख्याल से आने लगे हैं। इसे देखते हुए डीसी ने इंजीनियरों को जगह-जगह छतरी या मंडपनुमा लोगों के बैठने के लिए बनाने को कहा। झूला, बच्चों के फिसलन वाली सीढ़ी आदि बनाने की बात कही। वहीं मंडल कारा अधीक्षक महेंद्र मांझी को जेल में बंद छोटे अपराध को लेकर सजा काट रहे लोगों की सूची बना कर जल्द सौंपे जाने की बात कही। कहा कि आदिवासी, महिला, बच्चे, बीमारी से ग्रस्ति कैदी, मानसिक रूप से अवसादित लोगों की सूची प्रधान जज के समक्ष पेश कर उन्हें गणतंत्र दिवस को मुक्त कराना है। वहीं जिला स्तर पर मत्स्य विभाग में पूर्व में हुई अनियमितता की बात सामने आने पर उसे गंभीरता से लिया। कार्य स्थल पर आवासन नहीं करने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों की भी रिपोर्ट डीसी ने अपर मुख्य सचिव झारखंड को भेजे जाने की बात कही।
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