संवाददाता जामताड़ा


निजी स्कूलों पर लगाम कसने और प्रबंधन की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. अब मासूमो को भेड़-बकरी की तरह बसों में नहीं जाना पड़ेगा. सर्वोच्चय न्यायालय के निर्देश के अवमानना को लेकर मंगलवार को जिला परिवहन पदाधिकारी ने स्कुल के प्राचार्यो के साथ बैठक की.
जामताड़ा मुख्यालय में संचालित विभिन्न निजी स्कूलों के साथ हुई डीटीओ की बैठक में पाया गया की निजी स्कूलों की ओर से कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है. अधिकांश बसे जर्जर हालत में है और जो सही है उन बसों में लोहे की जाली या ग्रिल नहीं लगाया गया है. साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स भी सभी वाहनों में उपलब्ध नहीं है.
इस सन्दर्भ में डीटीओ बिजय कुमार गुप्ता ने सभी प्राचार्य को निर्देशित किया है की अगले १५ दिनों में व्यवस्था दुरुस्त कर परिवाह विभाग को प्रतिवेदन उपलब्ध करवाएं अन्यथा मोटर वहां अधिनियम १९८८ के तहत कार्रवाई की जाएगी.