जमशेदपुर- मुख्यमंत्री की सोच है कि नया झारखंड हरित झारखंड बनें– उपायुक्त

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जमशेदपुर।

सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के अथक प्रयास से राज्य में तीव्र गति से चहुंमुखी विकास हो रहा है. इसी तरह से आगे आने वाली पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी स्वच्छ आबोहवा में श्वास ले सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें इसके लिए वृहत वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनका यह अत्यंत सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि झारखंड के वनाच्छादित भूभाग की अनूठी बात यह है कि यहां विभिन्न तरह के फलदार पेड़ पौधे बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. पर्यावरण के साथ लोग अन्योन्याश्रित संबंध स्थापित करते हुए आदिकाल से यहां की धरती पर निवास कर रहे हैं.

जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो आज जमशेदपुर प्रखंड के बड़ाबांकी में आयोजित नदी महोत्सव सह वृहत वृक्षारोपण अभियान के जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर 9000 पौधे स्थल पर उपस्थित प्रशासन के पदाधिकारियों, विभिन्न जनप्रतिनिधियो, छात्र छात्राओं तथा अन्य लोगों के द्वारा लगाए गए.

विद्युत वरण महतो ने कहा कि राज्य के लोगों में पेड़-पौधों और वनों के प्रति एक अनुराग का भाव है. इस तरह के आयोजन से वृक्षारोपण के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों में जागरूकता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुरक्षित भविष्य के लिए अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा-दीक्षा देते हैं इसी तरह से स्वच्छ जलवायु और विशुद्ध ऑक्सीजन जीवन मात्र के लिए अत्यंत आवश्यक है इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा करें, अधिक से पेड़ पौधे लगाएं और उनकी  सुरक्षा के प्रति जिम्मेवार बने. पर्यावरण की सुरक्षा हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बेहद जरूरी है. आज का दिन ऐतिहासिक दिन है जब झारखंड के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रदेशों में इस तरह के इस तरह के आयोजन किए जा रहे है.

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इस अवसर पर उपायुक्त  अमित कुमार ने कहा कि आज नदी महोत्सव सह वृहत वृक्षारोपण अभियान कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. यह अभियान 15 अगस्त तक अनवरत रूप से जारी रहेगा. जिसके तहत वृक्षारोपण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज जिले में दो जगह पर इस कार्यक्रम का आगाज किया जा रहा है. घाटशिला के सिंहपुरा में भी स्वर्णरेखा नदी के किनारे नदी संरक्षण के तहत वृक्षारोपण के कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है जिससे कि स्वर्णरेखा की धारा को अविरल रख सके. उन्होंने कहा कि स्वर्णरेखा नदी को सुरक्षित रखना एवं उसके तटवर्ती भूमि-अपरदन को बचाना एक बहुत बड़ी चुनौती है. उसी के तहत स्वर्णरेखा के किनारे एक लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे. इसके अतिरिक्त पूरे माह में विभिन्न स्थलों पर जिले में 10,00,000 से अधिक पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है. यह तभी सफल होगा जब समाज के हर तबके के लोग इस मुहिम में प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे आएंगे. छात्र-छात्राएं, विभिन्न सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठन एवं वैसे सभी लोग जो पर्यावरण से लगाव रखते हैं इस मुहिम में भाग लें और इस को सार्थक बनाएं. उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की सोच है कि नया झारखंड हरित झारखंड बनें और इस सपने को साकार करने में आप सभी अपनी भूमिका सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि झारखंड का नाम यहां की हरी-भरी वादियों के कारण है, इसे संरक्षित रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. जन भागीदारी से कार्य करने का सफल उदाहरण पिछले वर्ष सामने आया जब 1 घंटे में 2,19,000 पौधे आप सभी ने लगाए थे. संगठित जन शक्ति एवं ऊर्जा से ही काम सफल हो पाया.  उन्होंने कहा कि वन विभाग ने लगातार मेहनत करके यहां लगाए जा रहे पौधों  की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

उपायुक्त ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि वन एवं पर्यावरण के प्रति अपने प्रेम को आसपास में भी वृक्षारोपण के रुप में प्रदर्शित करें. उन्होंने विभिन्न स्कूलों से आए हुए बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने जन्मदिन पर कम से कम एक पौधा निश्चित रूप से लगाने का संकल्प लें जिसे अपने घर, आसपास के क्षेत्र अथवा विद्यालय में एक मुहिम के तहत कार्यान्वित करें. उन्होंने औद्योगिक इकाइयों के कारण होने वाले प्रदूषण को परिमार्जित करने के लिए सामाजिक कॉर्पोरेट  दायित्व के तहत बच्चों को पौधे उपलब्ध कराने की अपील की. कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मीडिया के प्रतिनिधियों से भी उपायुक्त ने अपील की की पर्यावरण के अभियान को प्राथमिकता दें और और इसकी रक्षा करने के लिए तत्पर छोटे से छोटे प्रयास को भी प्रोत्साहित करें.

जमशेदपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी  सबा आलम अंसारी ने कहा कि नदी महोत्सव अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना है और पेड़ों एवं जंगलों की महत्ता से लोगों को पुनः क्रियाशील बनाना है. उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण एवं शहरीकरण से पर्यावरण को अपार क्षति पहुंची है. अधिक से अधिक लोग कम से कम पांच पौधे अवश्य लगाएं जिससे कि पर्यावरण पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके. उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की सोच है कि हर एक झारखंडवासी इस मॉनसून में पांच पौधे लगाएं. मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार 24 जिलों में 24 नदियों के तटवर्ती क्षेत्र में 140 किलोमीटर की लंबाई पर वृक्षारोपण की शुरुआत  आज के दिन से की जा रही है. इसी के तहत स्वर्णरेखा नदी के 17 किलोमीटर तटवर्ती लंबाई में 1,02,000 पौधे लगाए जाएंगे. नदी के किनारे वृक्ष लगाने से नदी के जल स्तर को सुधारने में सहायता प्राप्त होगी साथ ही नदी तट का अपरदन कम होगा और प्रदूषण को कम करने में मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि आगे चलकर जंगली जानवर, पशु पक्षी इत्यादि के वास स्थल के रूप में परिणत होगा.

कार्यक्रम में जुगसलाई विधानसभा के विधायक  रामचंद्र सहिस, जिले के उप विकास आयुक्त श्री बी. माहेश्वरी, धालभूमगढ़ की अनुमंडल  पदाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा, झारखंड राज्य खादी बोर्ड के सदस्य श्री कुलवंत सिंह बंटी, प्रशासन के तमाम पदाधिकारी  विभिन्न सामाजिक संगठनों से आए हुए प्रतिनिधिगण, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, ग्रामीण एवं अन्य लोग शामिल थे.

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