
जमशेदपुर।

राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज धरती की स्थिति ऐसी हो गई है कि प्रत्येक दिवस को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। पर्यावरण के भारी क्षय के कारण मौसम, नदी-प्रवाह, स्थलाकृति इत्यादि जैसी प्राकृतिक परिघटनाओं में असन्तुलन दिखाई देता है। अपनी धरती और पर्यावरण को होने वाली हानि से सुरक्षा करने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा। वे आज पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखण्ड में त्रि-दिवसीय पर्यावरण दिवस समारोह के समापन कार्यक्रम के दौरान बोल रही थी। उक्त कार्यक्रम का आयोजन वन प्रबन्धन एवं संरक्षण समिति, कोल्हान वन प्रमण्डल के तत्वावधान में किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि सृष्टि के सभी तत्वों का आनुपातिक संयोजन अति विदोहन के कारण नष्ट हो रहा है। जल, जंगल, अवनि, आकाश सब एक दूसरे के पूरक हैं। किसी की अधिकता या कमी असन्तुलन का कारण है। आज मानव सम्पदा या जनसंख्या बहुत अधिक हो गई है जिससे उसकी आवश्यकताओं का बोझ पर्यावरण पर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि केवल सरकार या वन समिति के भरोसे पर्यावरण संरक्षित नहीं रह सकता। वनों की रक्षा के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। जहाँ भी खाली जमीन हो वहाँ पर्यावरण अनुकूल पेड़-पौधे अवश्य लगाएं। पर्यावरण संरक्षित रहेगा तब ही मानव का जीवन सुरक्षित होगा।
इस अवसर पर घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू, उपायुक्त अमित कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप टी0 मैथ्यू अन्य पदाधिकारीगण तथा भारी जन समुदाय उपस्थित था।
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