पटना।


पुलिसिया दमन के खिलाफ सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आहूत बिहार बंद असरदार रहा। बंद समर्थकों से निपटने में पुलिस-प्रशासन से जुड़े लोग हलकान रहे। सड़क और रेल यातायात के साथ स्कूल-कॉलेज आदि भी बंद से प्रभावित हुए। गया में स्नातकोत्तर की परीक्षा स्थगित हो गई। छपरा में ड्यूटी पर मुस्तैद एसडीओ कयूम अंसारी से बंद समर्थक भिड़ गए। इस दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। औरंगाबाद में बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे 72 छात्र हिरासत में लिए गए। पटना में अराजकता फैलाने के आरोप में 58 लोगों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने रिहा कर दिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य में शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ 26 मार्च को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने निकले थे। प्रदर्शनकारियों के एक जत्थे की आर ब्लॉक चौराहे पर पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग में कई पुलिसकर्मियों सहित विद्यार्थी परिषद के कुछ समर्थक भी घायल हुए थे। उस पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ विद्यार्थी परिषद ने सोमवार (30 मार्च) को बिहार बंद का आह्वान किया था, जिसे राजग समर्थक संगठनों का समर्थन प्राप्त था। भाजपा के साथ नेशनल पीपुल्स पार्टी और लोजपा की छात्र इकाई ने बंद में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभाई।
सर रहा।