जमशेदपुर – एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता की शुरुआत जमशेदपुर के टाटा प्रेक्षागृह में
जमशेदपुर।
जनजातीय बच्चे प्रतिभा संपन्न होते हुए भी केवल आत्म विश्वास की कमी के कारण पिछड़ जाते हैं। जनजातीय बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ ही उनमें आत्म विश्वास की ऊर्जा के सृजन के उद्देश्य से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता जैसे आयोजन किये जा रहे हैं। ताकि जनजातीय समुदाय के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी आत्म विश्वास से लबरेज हो कर हर क्षेत्र में अपना बेहतर प्रदर्शन करें। उक्त बातें जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री श्री जुएल उरांव ने जमशेदपुर में आयोजित प्रथम एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता के उदघाटन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजेपेयी जी के प्रधानमंत्रित्व काल में पहली बार जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया गया और उसकी जिम्मेवारी मुझे दी गई थी। पुनः 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस मंत्रालय की जिम्मेवारी मुझे दी गई। उन्होंने कहा कि हम छात्र जीवन में अक्सर छात्रवृत्ति और छात्रावास की फीस बढ़ाने के लिए आंदोलन करते थे। केंद्र सरकार के द्वारा छात्रवृत्ति को बढ़ाया गया और आज 61 हजार रूपए प्रति छात्र प्रति वर्ष छात्रवृत्ति के रूप में जनजातीय छात्रों को प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का उद्देश्य 2022 तक वैसे सभी प्रखण्डों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) स्थापित करने की योजना है जिन प्रखण्डों में जनजातीय समुदाय की आबादी 20 हजार से अधिक है अथवा उस प्रखण्ड की आधी आबादी जनजातीय समुदाय की है।
ज्ञात हो कि जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में आज एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता का आगाज़ जमशेदपुर के एक्सएलआरआई के टाटा प्रेक्षागृह में हुआ। उद्घाटन सत्र में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री श्री जुएल उरांव, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत, झारखंड सरकार के कल्याण विभाग की मंत्री डॉ॰ लुईस मरांडी, सांसद श्री विद्युत वरण महतो, घाटशिला के विधायक श्री लक्ष्मण टुडू, पोटका की विधायक श्रीमती मेनका सरदार, जिला परिषद की अध्यक्षा श्रीमती बुलु रानी सिंह, सचिव कल्याण विभाग झारखंड सरकार श्रीमती हिमानी पांडे तथा अन्य वरीय पदाधिकारी गण उपस्थित थे।
इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत ने अपने संबोधन में कहा कि केन्द्र सरकार जनजातीय समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास के प्रति संकल्पित है। उन्होंने कहा कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) का उद्देश्य है कि जनजातीय बच्चों का शिक्षा के साथ ही खेल, संगीत व अन्य क्षेत्र में समुचित विकास हो। उन्होेंने कहा कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) द्वारा दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का ही परिणाम है कि आज एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।
झारखण्ड सरकार के कल्याण विभाग की मंत्री डॉ॰ लुईस मरांडी ने अपने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अपनी संस्कृति को बचाने की जिम्मेवारी भी हमारी है। उन्होंने कहा कि आज के इस एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता में देश के 12 प्रदेशों से प्रतिभागी आए हैं। निश्चित रूप से इन सभी की भाषा अलग है, रहन सहन अलग है। आज इस कार्यक्रम में लघु भारत का दर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि आप बच्चे किसी से कम नहीं हैं जरूरत है अपने अंदर की प्रतिभा को पहचानने की।
स्वागत भाषण संयुक्त सचिव जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार श्री विनोद कुमार तिवारी ने दिया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त श्री अमित कुमार ने किया। कार्यक्रम का विधिवत् उदघाटन सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगीत प्रतियोगिता का आयोजन एक्सएलआरआई स्थित टाटा प्रेक्षागृह में किया गया है। इस संगीत प्रतियोगिता में विभिन्न जोनल स्तरीय प्रतियोगिताओं में विजेता घोषित ईएमआरएस टीमें यथा महाराष्ट्र, ओडीशा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, केरला, छत्तीसगढ़, राजस्थान, नागालैंड, कर्नाटक, तेलंगाना एवं झारखंड समेत 12 राज्यों की टीमें भाग ले रही है।
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