जमशेदपुर।
झारखंड में इनकी बातें गंभीरता से ली जाती है। हालांकि खुलकर बोलने की बजाय इनका झुकाव छायावादी भाषा और कथन पर ज्यादा है लेकिन सोशल मीडिया को इन्होंने अपनी बातें कहने का जरिया बना रखा है। जिक्र उनका हो रहा है जिनकी तल्ख बातें पहले की सरकारों को जितनी कड़वी लगती थी उतना ही असहज उनकी अपनी ही सरकार को लगती हैं जिसमें वे खुद मंत्री हैं। सरयू राय तमाम मामलों, विकास के दावों पर हकीकत बयां करने में माहिर हैं। कोड़ा को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले सरयू राय ने अभी दो दिन पहले तेनुघाट विद्युत निगम के एमडी के मसले पर सीएम रघुवर दास को खुला पत्र लिखकर कटघरे में खड़ा किया। सवाल उठाया कि एक अयोग्य शख्स को एमडी बनाए रखने के पीछे क्या मजबूरी है। उसे रिटायर होने के बाद पद पर बरकरार रखने के लिए बार बार इंटरव्यू कैंसिल किया जा रहा है।
रायजी का नया ट्वीट विकास के दावे, फेसबुक फालोअर की संख्या को लेकर कसा गया तंज है। उनका इशारा कहीं सीएम की तरफ तो नहीं है?
बताते चले कि कुछ दिन पहले रांची के नगड़ी में सीएम रघुवर दास और सरयू राय एक समारोह में साथ साथ थे लेकिन दोनों के बीच हलो हाय तक नहीं हुआ।
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