चाईबासा(नोआमुंडी)। अपने संचालन के निकटवर्ती क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों की प्रजातीय पहचान को बढ़ावा देने के लिए ओएमक्यू डिवीजन, टाटा स्टील ने नोआमुंडी स्पोट्र्स काॅम्प्लेक्स में आज कृषि-वन्य खाद्य विविधता समारोह ’प्रजातीय खाद्योत्सव’ का आयोजन किया।
इस उत्सव में आदिवासी समुदायों के उपजातीय पहनावा से लेकर दैनिक जीवन-शैली और उनके विभिन्न त्योहारों को दर्शाया गया। साथ ही, 70 स्वयं सहायता समूहों ने विभिन्न प्रकार के 110 आदिवासी खाद्य-व्यंजनों की प्रदर्शनी लगायी।
समारोह की मुख्य अतिथि व जगन्नाथपुर की विधायक श्रीमती गीता कोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि आज स्पोट्र्स काॅम्प्लेक्स एक विशाल आदिवासी रसोईघर में परिवर्तित हो गया है और यह सब काफी खूबसूरत लग रहा है। इस क्षेत्र के आदिवासी समुदायों को इस प्रकार का मंच प्रदान करने के लिए मैं टाटा स्टील को धन्यवाद देती हूं।
श्री पंकज सतीजा, जीएम, ओएमक्यू, टाटा स्टील ने कहा, ’’इस उत्सव में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों की उपस्थिति देख कर मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय जैवविविधता लक्ष्य-1 और 11 में योगदान का हमारा एक प्रयास है, जो जैवविविधता पर युवाओं की जागरूकता तथा समुदाय के पारंपरिक ज्ञान को मजबूती प्रदान करने पर बल देता है।
समारोह में भांति-भांति के खाद्य-पदार्थों के स्टाॅल लगाये गये थे, जिनमें आदिवासी उत्पादों के साथ लजीज आदिवासी व्यंजन जैसे बिरी दाल, साग पकौड़ा, कुरुत कुंडा के साथ मसालेदार कुरकुटी चटनी तथा स्वादिष्ट मिष्टान्न जैसे महुआ लड्डू और सूजी काकर लोगों को खूब आकर्षित किया।
उत्वस में डा. कार्तिक चरण लंेका, वैज्ञानिक, एम एस स्वामीनाथन फाउंडेशन, कोरापुट, ओडिशा, सुश्री अर्चना रेलान, फाउंडर, मिराकुलस मिलेट्स, भोपाल, डाॅ. कृष्णा प्रसाद, असिस्टेंट प्रोफेसर, बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, रांची, श्री एस एन वैद्य, रिसर्च आॅफिसर, इंस्टीट्यूट आॅफ फाॅरेस्ट प्रोडक्टीविटी, आईसीएफआरई, रांची, श्री पी पटमाझी, सीनियर टेक्नीकल आॅफिसर, इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ नेचुरल रेजिंस ऐंड गम्स, रांची और श्री समरेश भंडारी, बीडीओ, नोआमुंडी आदि ने हिस्सा लिया।
Comments are closed.