सरायकेला।
जमशेदपुर के बाद चांडिल में भी जनलेवा बिमारी डेंगु ने दस्तक दे चुका. चांडिल प्रखंड के चिलगु पंचायत अन्तर्गत काठजोड़ गांव के सालगाडीह निवासी रत्नाकर महतो (40) डेंगु से ग्रसित पाया गया है. डेंगु पिड़ित श्री महतो का सात अगस्त से बुखार है. बिमारी के बाद 8 अगस्त को जमशेदपूर स्थित डा0 उमेश खान के पास इलाज कराया. इलाज के दौरान डाक्टर द्वारा की गयी जांच रिर्पोट में डेंगु पाया गया. बर्तमान में डेंगु से पिड़ित अपना घर से ही रहकर इलाज करा रहे है. डेंगु पिड़ित रत्नाकार महतो ने कहा कि डेंगु का इलाज में अबतक 5 हजार रुपये खर्चा हो चुका है. पैसा नहीं रहने के कारण घर में रहकर अपना इलाज करा रहा था. गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चांडिल की डाक्टर स्वेता सोनिका ने डेंगु पिड़िता का इलाज कर बेहतर इलाज के लिए एमजीएम रेफर कर दिया. ज्ञात हो कि सप्ताह भर पूर्व काठजोड़ गांव के सैकड़ो ग्रामीण डायरिया से पिड़ित था. बात में स्वास्थ विभाग की टीम पहुंचकर गांव में शिविर लगाकर डायरिया पर नियंत्रण कर पाया था. सालगाडीह गांव में अबतक स्वास्थ विभाग की और किसी भी प्रकार का कोई स्वास्थ सेवा उपल्बध नहीं कराया गया है और ना ही गांव में डीडीटी व विल्चिंग पाउडर का छिड़काउ किया गया है. जिस कारण गांव में डायरिया, मलेरिया व डायरिया जैसे गंभीर बिमारी दस्तक दे रही है. मालुम हो कि चिलगु पंचायत के काठजोड़ व सालगाडीह गांव दलमा तराई क्षेत्र में आता है. जिस कारण जंगल का गंदा पानी गांव में आकर रुक जाती है. जिसके कारण गांव में गंदगी फैलती है और इससे जानलेवा बिमारी उत्पन होती है. स्वास्थ विभाग अगर समय रहते प्रखंड के सभी पंचायतो में डीडीटी, विलिच्ंग व स्वास्थ शिविर केम्प नहीं लगाती है तो आने बाले दिनो में कई और ग्रामीण गंभीर बिमारी की चपेट में आ सकती है.
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