भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की सड़कों की दशा सुधारने के लिए कल यहां भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बीच 125.2 मीलियन डॉलर ऋण के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय और सिक्किम आदि पूर्वोत्तर राज्यों में सड़कों को दोबारा बनाने के लिए पूर्वोत्तर राज्य सड़क निवेश कार्यक्रम तैयार किया गया है। इन राज्यों में सड़कें बने से अलग-थलग पड़े इन राज्यों में विकास के अवसर बढ़ जाएंगे। सड़क सुधार कार्यक्रम के तहत मौजूदा सड़कों को चौड़ा करना, फुटपाथों को मजबूत करना, किनारों को उंचा करना और नदियों पर पक्के पुल बनाना आदि शामिल हैं।
इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव (बहुपक्षीय संस्थानों) श्री निलय मिताश और एशियाई विकास बैंक की ओर से कंट्री डायरेक्टर (आईएनआरएम) सुश्री एम टेरेसा खो शामिल थे। परियोजना समझौते पर एमडीओएनईआर के निदेशक के. गुइट, असम के पीडब्ल्यूडी सचिव श्री जे एन शर्मा मणिपुर के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आरआर रश्मि, मिजोरम के स्थानीय आयुक्त श्री रणवीर सिंह और त्रिपुरा के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता, पीडब्ल्यूडी एवं एनईएसआरआईपी के नोडल ऑफिसर सुकमल भट्टाचार्जी ने हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर श्री मिताश ने आशा जताई कि पूर्वोत्तर राज्यों में अच्छी सड़के बनने से न सिर्फ इन राज्यों के लोगों का आपसी संपर्क और बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे।
एडीबी की कंट्री डायरेक्टर सुश्री एम टेरेजा खो ने भी उम्मीद जताई कि सड़कों की दशा सुधरने से विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच आवाजाही और पहुंच बढ़ेगी, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास के मौके ही नहीं बढ़ेंगे बल्कि गरीबी भी घटेगी।
इस परियोजना के 30 सितंबर 2019 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसके तहत असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों की 236 किलोमीटर से भी ज्यादा की सड़कों की दशा में सुधार होगा।
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