पुलिस पर पथराव, जवानों ने भांजीं लाठियां
बोकारो।
बोकारो के सिटी थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित लेक रोड गुरुवार को रणक्षेत्र में तब्दील रहा। वजह रही भीषण सड़क दुर्घटना और उसके बाद भड़का जनाक्रोश। हादसे का कारण रही मुख्यालय डीएसपी की तेज रफ्तार गाड़ी। कला केंद्र मोड़ पर बोकारो की मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक पूनम मिंज की गाड़ी से एक स्कूली ऑटो में जोरदार टक्कर की घटना में ऑटो चालक समेत लगभग आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार चालक सुरेश यादव (50) की मौत बाद में इलाज के दौरान हो गयी, जबकि सौरभ सिंह और ध्रुव कुमार नामक छात्रों की हालत समाचार लिखे जाने तक काफी नाजुक बनी थी। सेक्टर-3सी स्थित बोकारो पब्लिक स्कूल (बीपीएस) के सभी घायल बच्चों का इलाज बोकारो जेनरल अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद घायल बच्चों को मरणासन्न छोड़ डीएसपी का वहां से कथित तौर पर भाग निकलना जनाक्रोश का कारण बना। घटना के बाद अन्य स्कूली बच्चों तथा आसपास के आमलोगों का आक्रोश फूट पड़ा। डीएसपी तो निकल गईं, लेकिन उनकी गाड़ी के ड्राइवर और अंगरक्षक को लगभग दो घण्टे तक वहां जमा सैकड़ों लोगों ने बंधक बनाये रखा। भीड़ की मांग डीएसपी को घटनास्थल पर बुलाने और बच्चों के इलाज का जिम्मा और मुआवजा दिलाने की थी। घटनास्थल से चंद मीटरों की दूरी पर स्थित सिटी थाने की पुलिस सूचना मिलते ही फौरन वहां पहुंची। स्थिति को देखते हुए दर्जनों की संख्या में वहां सैट और जिला पुलिस बल के जवान तैनात किए गए। लोगों को जैसे-तैसे समझाकर पुलिस ने डीएसपी के ड्राइवर और बॉडीगार्ड को लोगों की पकड़ से मुक्त कराया। लोग इसे पुलिस द्वारा उन दोनों को भी भगा दिया जाना मानकर हंगामा करने लगे। आक्रोश ऐसा रहा कि पुलिस पदाधिकारियों से बहस और नोंक-झोंक के बाद लोगों ने पलटी हुई डीएसपी की गाड़ी में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने बच्चों सहित आमलोगों पर लाठियां चला दीं। फिर लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें कुछ जवानों को चोट लगी तो उन्होंने आपा खो दिया और बच्चों पर दुबारा लाठियां भांज दी, जिसके बाद भीड़ तितर-बितर तो हो गयी, लेकिन आक्रोश और उबल पड़ा। मौके पर पहुंचे एसडीओ सतीश चन्द्रा से भी वे उलझ पड़े। इस दौरान उक्त दुर्घटना में मौत की अफवाह भी बीच-बीच में उड़ती रही, जिसने जनाक्रोश की आग में घी का जाम किया। बाद में एसडीओ ने फिर लोगों को वस्तुस्थिति समझायी और पुलिस की देखरेख में घायलों का समुचित इलाज कराए जाने की बात कही। इसके साथ ही सीसीआर डीएसपी रजतमणि बाखला ने माइक से अनाउंस कर सभी बच्चों के जीवित और ठीक-ठाक होने की बात कही। तब जाकर भीड़ धीरे-धीरे घटनी शुरू हुई। क्रेन से क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया गया और आवाजाही सामान्य हो सकी। लगभग चार घण्टे तक रणभूमि और हंगामे वाली स्थिति बनी रही।
बेतहाशा रफ्तार में थी डीएसपी की गाड़ी, चालक को जेल
लेक रोड से कला केन्द्र जाने वाली सड़क के मोड़ पर हुई उक्त दुर्घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पूरी की पूरी गलती डीएसपी के ड्राइवर सुधीर कुमार हेम्ब्रम की थी। सुबह लगभग सवा आठ बजे सेक्टर-2 से बच्चों को लेकर टेम्पो (जेएच 09 एसी 4950) का चालक सुरेश यादव काफी कम गति से बोकारो पब्लिक स्कूल ले जा रहा था। वैसे भी वृद्ध सुरेश हमेशा ही धीमी गति से गाड़ी चलाता रहा है। इतने में सिटी थाना की तरफ से अत्यधिक तेज व अनियंत्रित गति से आ रही डीएसपी की बोलेरो गाड़ी (जेएच 09टी 6551) ने कला केंद्र मोड़ के पास मुड़ते हुए टेम्पो को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो काफी दूर तक घिसट गयी और बोलेरो तीन बार पलटी मार उलट गयी। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि बच्चों की सुध लेने के बजाय डीएसपी मौके से निकलकर भाग गयीं। गाड़ी में अपना पर्स आदि को छोड़कर। बाद में आक्रोशित लोगों ने चालक तथा अंगरक्षक को पकड़ लिया। बाद में सिटी थाने से चालक सुधीर को हेम्ब्रम को जेल भेज दिया गया।
ये हुए हैं घायल
हादसे में जहां सेक्टर-3 छपरा मोड़ निवासी चालक सुरेश यादव ने दम तोड़ दिया, वहीं घायल बच्चों में सेक्टर-2डी स्थित आवास संख्या 2-243 निवासी मनीषा कुमारी, सेक्टर-2सी, क्वार्टर नंबर- 3-106 निवासी शिवलाल का पुत्र अभिषेक, सेक्टर-2डी, क्वार्टर नंबर- 3-108 निवासी पीपी साव का पुत्र ध्रुव कुमार साव तथा सेक्टर-2सी स्थित आवास संख्या 3-147 निवासी संजय कुमार के बेटे सौरभ सिंह के नाम शामिल हैं। चारों बच्चे बुरी तरह घायल गये, जिनमे सौरभ और ध्रुव की हालत खबर लिखे जाने तक काफी नाजुक बनी थी। ध्रुव के पिता के बताया कि उसके पेट में गहरी चोट लगी है। आपरेशन हुआ है। सौरभ और ध्रुव बीजीएच के सीसीयू में इलाजरत हैं। दोनों वेंटीलेटर पर हैं। सभी बच्चे सेक्टर-3सी स्थित बोकारो पब्लिक स्कूल की सातवीं कक्षा के छात्र हैं।
ड्राइवर के इलाज में अस्पताल की लापरवाही
बोकारो जेनरल अस्पताल की लचरतम चिकित्सा व्यवस्था की बानगी एक बार फिर सामने आयी। आटो ड्राइवर सुरेश यादव के इलाज में लापरवाही की बात सामने आ रही है।बीजीएच में मौजूद आटो चालकों तथा आमलोगों ने बताया कि जिस तरह बच्चों को फौरन सीसीयू में ले जाया गया, उसी तरह अगर तत्काल ड्राइवर को भी ले सीसीयू में ले जाया जाता तो शायद उसकी मौत नहीं होती। दुर्घटना में उसे काफी रक्तस्राव हुआ था। इधर, सुरेश यादव के भाई पुलिस यादव अपने भाई की हालत जानने को बेताब रहा, रोता रहा, लेकिन उसे अस्पताल वालों ने भीतर जाने तक नहीं दिया। देर शाम तक उसके मरने की बात छुपायी जा रही थी।
आटो में बच्चों को स्कूल ले जाने पर लगेगी रोक : डीसी
बोकारो के उपायुक्त राय महिमापत रे और पुलिस अधीक्षक वाईएस रमेश सहित पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारियों ने बीजीएच पहुंचकर चिकित्सा की जानकारी ली। मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उपायुक्त ने कहा कि टेम्पो का प्रयोग बच्चों को स्कूल ले जाने-आने में न हो, इसे लेकर प्रशासन अभियान चलायेगा। उन्होंने बताया कि जिला परिवहन पदाधिकारी (ड़ीटीओ) तथा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर यह अभियान चलाया जायेगा। स्कूली बच्चों पर लाठीचार्ज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कर यथोचित कार्रवाई की जायेगी। उल्लेखनीय है कि सिटी डीएसपी अजय कुमार की मौजूदगी में स्कूली बच्चों ने जब छिटपुट रोड़ेबाजी की तो पुलिस व सैट के कई जवानों ने आपा खोकर बच्चों पर लाठियां बरसा दीं। एसपी वाईएस रमेश की मानें तो मुख्यालय डीएसपी को रांची कोर्ट में एक जरूरी काम से जाना था, इसलिये शार्ट कट के रास्ते चालक लेक रोड होकर काफी तेज गति से लेकर जा रहा था। घटना में डीएसपी पूनम मिंज को भी मामूली चोट लगी।
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