पाकुड़।
लिट्टीपाडा विधानसभा चुनाव के नामांकन का मंगलवार को आखिरी दिन था।दस बजे से ही झामुमो समर्थक निर्वाचन कार्यालय के आसपास जमे हुए थे चरों ओर बस यही चर्चा थी की आखिर झामुमो किसे प्रतियाशी बनायेगा।एक ओर स्वर्गीय अनिल मुर्मू की पहली पत्नी यूनिकी उडेरा हांसदा के समर्थक ये दावे कर रहे थे की टिकट तो किसी भी कीमत पर श्रीमती यूनिकी को ही मिलेगा।वही दूसरी ओर स्वर्गीय विधायक अनिल मुर्मू की दूसरी पत्नी निशा शबनम के समर्थक अपनी ताल ठोक रहे थे।सबसे बड़ी बात तो यह थी की सोमवार को ही निर्दलीय प्रतियाशी के रूप में नामांकन कर झामुमो पर अपनी दावेदारी का दबाव बनाने वाले साइमन मरांडी अपने समर्थकों के साथ जमे हुए थे।वे भी अपनी दावेदारी सुनिश्चय बता रहे थे लेकिन उनके चेहरे पर एक तनाव की लकीर उभरी नजर आ रही थी।वही उनके समर्थकों में भी उत्साह के साथ उहापोह की स्थिति बनी हुई थी।वही इन संशयों के बीच हेमंत सोरेन रांची से दुमका आकर अपने सलाहकारों के साथ सुबह से कमरे में बंद थे।यहां तक की वे दुमका में न किसी से मिल जुल रहे थे और न ही पत्रकारों को कुछ बता रहे थे। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार वे अपना मोबाइल रिसीव नही कर रहे थे।सभी पक्षों के कार्यकर्त्ता अपने अपने जान पहचान वालों से उनके दुमका के निकलने की खबर ले रहे थे।जैसे जैसे समय बीत रहा था वैसे वैसे हर खेमे में बेचैनी बढ़ रही थी।अंततः वे बारह बजे दुमका से निकले और सीधे अपने पार्टी के कार्यकता अजीजुल इस्लाम के निवास पर लगभग पौने दो बजे पहुंचे और साइमन मरांडी को प्रतियाशी घोषित किया।तक़रीबन एक सप्ताह से चल रहा यह हाई वोल्टेज ड्रामा अपने सबाब पर पहुंचकर दिन के दो बजे समाप्त हुआ।*
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