– करीब 70 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति से संविदाकर्मी लेखापाल के रूप में आत्मा में ली जा रही है सेवा
–मानदेय में बढ़ोत्तरी साथ में ले रहे हैं पेंशन
संवाददाता /जामताड़ा.20 जनवरी
एक ओर युवा बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है और नौकरी के लिए मारे मारे फिर रहे हैं वहीं रिटायर लोगों से काम करवाया जा रहा है। वह भी लगातार 11 वर्षो से। जी हां यह हो रहा है आत्मा (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण)जिला कार्यालय जामताड़ा में। करीब 70 वर्षीय सेवानिवृत्त संविदाकर्मी शिवन ठाकुर से लेखापाल का काम कराया जा रहा है। अब यह परियोजना निदेशक की विवशता है या कोई और बात यह लोगों के समझ से परे है।
जहां एक ओर शिक्षित बेरोजगार(ग्रेजुएट/ पोस्ट ग्रेजुएट) युवक कंप्यूटर परिचालन व कलन आदि अन्य कार्यों में निपुन रहने के बाद भी बेकार बैठे हुए हैं। वर्तमान संविदाकर्मी लेखापाल उम्र ढलान पर होने के कारण कार्य करने में अक्षम हैं। वे न तो सुन पाते हैं, न ही लिख पाते हैं वे स्वयं अनाधिकृत सहायक रख कर सारे कार्य का निष्पादन मार्गदर्शन देकर येन–केन प्रकारेण करवाते हैं। बताते चलें कि आत्मा में कार्यरत संविदाकर्मी लेखापाल शिवन ठाकुर की जन्म तिथि 08 फरवरी 1945 है। गत 28 फरवरी 2003 को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। पुन: उन्होंने 01 मार्च 2003 को संविदाकर्मी लेखापाल के रूप में योगदान कर लिया। तब से अबतक लगातार वे कार्य करते आ रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी 11 वर्ष से अधिक समय तक लेखापाल बने हुए हैं।
आत्मा स्वायतशासी संस्था है। इसके अध्यक्ष डीसी व उपाध्यक्ष डीडीसी होते हैं। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से कृषि संबंधी विकास कार्यों को बढ़ावा देने व किसानों को समय–समय पर प्रशिक्षण देने के लिए आत्मा को समय–समय पर मोटी राशि आवंटित होते रहती है। आत्मा लेखापाल का पद वित्तीय भार अधिक होने के कारण दायित्वपूर्ण होता है। आत्माशासी निकाय की बैठक भी प्रत्येक वर्ष होती है जिसमें डीसी/डीडीसी व सभी अधीनस्थ विभागों यथा कृषि, कृषि विज्ञान केंद्र, पशुपालन, भूमि संरक्षण, जिला गव्य विकास, जिला सहकारिता, जिला मत्स्य विभाग व अन्य पदेन सदस्यों की उपस्थिति होती है। लेकिन पूर्व की जीबी बैठक में किसी सदस्य ने अभीतक पूरी तरह से वृद्ध संविदाकर्मी लेखापाल को सेवामुक्त किए जाने की बात नहीं की है। बल्कि सच्चाई यह है आत्मा पीडी साल दर साल उनके मानदेय में वृद्धि को लेकर स्वीकृति का प्रस्ताव ला रही है।
होगी न्यायोचित कार्रवाई : डीसी
उपर्युक्त संदर्भ में डीसी शशिरंजन प्रसाद सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त लेखापाल से संविदाकर्मी के तौर पर लंबी समयावधि तक उनकी सेवा लिया जाना तर्कसंगत नहीं जान पड़ता है। इस सिलसिले में आत्मा के परियोजना निदेशक से वस्तु स्थिति जानने के बाद ही न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट :-
अजीत कुमार
जामताड़ा
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