जमशेदपुर।
जमशेदपुर के सर्किट हाउस में पत्रकारो से बातचीत करते हुए सरयू राय ने कहा कि सीएम ने मेरी तीन इच्छाएं पूरी कर दीं। पहली राजबाला वर्मा को पशुपालन घोटाले को लेकर शो कॉज़ की मांग को लेकर थी दूसरी भी उनके ही मामले को लेकर थी और तीसरी संसदीय कार्य मंत्री से पदमुक्त करने की थी। अब चौथी भी पूरी कर दें और दो साल पूर्व के सारंडा मामले में वर्तमान मुख्य सचिव और तब की पथ निर्माण विभाग की सचिव राजबाला वर्मा को शो कॉज कर दें। मंत्री सरयू राय ने सरकार से ये पूछा है कि सारंडा मामला जब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यून में जा चुका है तब भी राजबाला वर्मा से स्पष्टीकरण क्यों नहीं मांगा गया और इस मामले पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में खुद सरयू राय ने ये मामला उठाया था। दरअसल पश्चिम सिंहभूम के सारंडा के गुआसलाई में बिना वन एव पर्यावरणीय स्वीकृति के पथ निर्माण विभाग ने नौ किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण के लिए सारंडा के कुछ हिस्से के जंगलों का सफाया कर डाला। योजना 31 किलोमीटर तक की थी लेकिन मंत्री सरयू राय के मामला उठाने और मामले के नैशनल ग्रीन ट्रिब्यून में चले जाने से काम रूक गया। मंत्री ने बताया कि उस मामले में अब वन विभाग ने पथ एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों और कार्य से जुड़े ठेकेदारों पर प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन तब की पथ निर्माण सचिव रहीं राजबाला वर्मा पर कार्रवाई तो दूर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण तक कभी नहीं मांगा गया। मंत्री सरयू राय ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण से पहले एक फर्जी ट्रैफिक सर्वे पथ निर्माण विभाग की ओर से कराया गया। जिसमें इस जगह को हैवी ट्रैफिक का बताया गया जबकि सचाई ये है कि वहां एक्का दुक्का गाड़ियां ही जाती हैं।
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