जमशेदपुर। विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण संरक्षण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु हर वर्ष मनाया जाता है, इसलिए इस पर्यावरण दिवस पर भी एक बार फिर हम सब को अपनी उत्तरदेयता समझने की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण केवल नीति निर्मात्री विधायिका या शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी न होकर यह समाज के हर वर्ग, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इसके लिए गैर सरकारी संगठनों, वैज्ञानिकों , पत्रकारों , लेखकों, शिक्षकों और छात्रों के साथ साथ हर समझदार नागरिक को अपने अपने स्तर पर न्यूनाधिक प्रयास करने की जरूरत है।
पिछले एक वर्ष में सामाजिक सहयोग से पूर्वी सिंहभूम में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निम्न लिखित प्रमुख जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए –
एक घंटे एक लाख पेड़
बीते वर्ष 18 जुलाई को जिले भर में प्रमुख चयनित स्थलों पर निर्धारित एक घंटे में एक लाख से अधिक पेड़ लगाए गए थे। जिसमे सरकारी – गैर सरकारी प्रयासों के अलावा छात्र छात्राओं तथा स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।
ओज़ोन दिवस पर पर्याथन
17 सितम्बर 2016 ओजोन दिवस पर ओजोन परत संरक्षण की दिशा में जागरूकता हेतु जेआरडी टाटा काम्प्लेक्स में मिनी मैराथन का आयोजन किया गया था जिसमे लगभग एक हज़ार बुद्धिजीवियों ने अपनी सहभागिता निभाई थी।
पॉलीथिन के विरुद्ध एक माह तक सतत जागरूकता अभियान
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के उपसमाहर्ता और तत्कालीन डीपीआरओ संजय कुमार की अगुवाई में 2 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक लगातार हर दिन पोलिथेने के दुष्प्रभाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया था। जिसमे शहर के दर्जन बाहर से अधिक संगठनों ने भी सहभागिए निभायी थी।
एक साथ 2 लाख बच्चो द्वारा शपथ ग्रहण
27 सितम्बर 16 को जिले के 2 लाख से अधिक स्कूली बच्चों ने एक पर सामूहिक शपथ ली कि वे अपनी दिनचर्या में पॉलिथीन का यथासंभव उपयोग नहीं करेंगे।
नो पॉलीथिन डे
संजय कुमार की ही पहल पर पहली बार 2 अक्टूबर 16 को जमशेदपुर में नो पॉलीथिन डे जैसा प्रयास किया गया। जमशेदपुर पूरे देश में ऐसा पहला शहर बना जहाँ नो पॉलीथिन डे जैसा कोई दिन मनाया गया। जो पूरे देश में चर्चा का विषय बना।
वॉकथौन 2017
पर्यावरणीय स्वच्छता को लेकर जिले के प्रशासनिक, पुलिस एवं न्यायिक पदाधिकारियों ने शहर के गणमान्य नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ 3 किमी पैदल मार्च किया।
10 घंटे के अंदर नववधू के लिए शौचालय निर्माण
मुसाबनी के बदिया गांव में कैशलेस शादी के दौरान डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार के द्वारा 10 घंटे में ही नवबधु के लिए शौचालय निर्माण करवाकर दिया गया।इस स्वच्छता पहल की चर्चा देश विदेश में हुई। वहीं दूसरी और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी।
25 दिन लगतार वाटर बुलेटिन का प्रकाशन
देश के किसी शहर में ऐसा पहली बार हुआ जब जल संरक्षण को लेकर विशेष दैनिक बुलेटिन जारी किया गया हो। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के उपसमाहर्ता संजय कुमार के द्वारा ऐसा जागरूकता बुलेटिन 2 मई 17 से 27 मई 2017 तक नियमित प्रकाशित किया गया.
प्लास्टिक बोतलों का ईंट की तरह प्रयोग कर शौचालय निर्माण
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से समस्या बन चुके खाली प्लास्टिक बोतलों का ईंट की जगह सदुपयोग करने के लिए जमशेदपुर के एक विद्यालय में शौचालय निर्माण किया गया। जो झारखण्ड ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक मोडल शौचालय का उदहारण बना।
अन्य प्रयास
उक्त प्रमुख प्रयासों के अलावा जमशेदपुर में ” सेल्फी विथ ट्री ” , ” बेटियों के नाम पर पौधरोपण ” , ” गौरैया बचाने का प्रयास ” .
इतना ही नहीं कुछ समाचार पत्रों के द्वारा ऐसे ही सराहनीय अभियान चलाये गए।
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