मामला है दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यायलय में सिंसेटिव पदों पर लंबे समय से पदस्थापित निरिक्षको का
सुप्रिम र्कोट व रेलवे र्बोड के आदेश का अब तक नहीं हो रहा है पालन
बिना कमेटी का गठन किये ही कार्मिक विभाग के जोनल कायर्कलय में हो रहा है रेल कर्मियों का तबादला
मुखय कार्मिक पदाधिकारी ने 12 कल्याण निरिक्षककों का किया गया है तबादला
रेलवे मेंस कांग्रेस के एस आर मिश्रा ने रेलजीएम व सीबीआई से कि जांच कराने व तबादले सूची पर रोक लगाने कि मांग
संतोष वर्मा
जमशेदपुर! भारतिय रेल में सार्वघिक राजस्व अर्जित करने वाली दक्षिण पूर्व रेलवे इन दिनों कुछ नियम से हट कर कार्य करने को लेकर चर्चित हो रही है! ऐसी ही एक मामला प्रकाश में आया है दक्षिण पूर्व रेलवे के कार्मिक विभाग में लंबे समय से पदस्थपित कर्मचारियों के तबादले मेइ नियम बनाने वाले ही खुद नियम का पालन किये बगैर मुख्यायलय के 12 कन्याण निरिक्ष्कों का तबावला करने की! यह तबादला किसी मंडल में नहीं हुई है यह तबादले दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य कार्मिक पदाघिकारी मनोज पांडेय द्वारा बिना कमेटी के अनुमति लिए बगैर कर दी गयी है! जबकि सुप्रिम र्कोट व रेलवे बोर्ड का सख्त आदेश है कि किसी भी कर्मचारी व अघिकारी का तबादला करने के पहले तीन सदस्य वाली कमेटी का गठन कर तथा उक्त कमेटी कि अनुमति लेकर ही किसी भी कर्मचारी व अघिकारियों कि तबादले कि जाय! बिना कमेटी का अनुमति लिए बगैर 12 निरिक्षकोंका गैर असंवैघानिक तरिके से श्री पांडये द्वारा किया गया तबादले सूची को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के कार्यकारी महासचिव एसआर मिश्रा द्वारा पत्र लिख कर रेल महाप्रबंघक व सीबीआई तथा रेलवे के निगरानी विभाग व पिएमओ शेल से जांच कराने कि मांग किया गया है! जबकि मुख्यायलय में ही कार्मिक विभाग तथा रेलवे भर्ती शेल के सिंसेटिव पद पर कर्मचारी वर्षो से एक ही स्थान पर पदस्थापित है, और कुछ कर्मचारियों पर गबन का आरोप भी है,लेकिन वैसे कर्मचारियों का तबादला नहीं किया गया है! वहीं वैसे 35 से अघिक कर्मचारियों की सूची सीपीओ मनोज पांडेय को श्री मिश्रा द्वारा सौंपा गया है! ज्ञांत हो कि सुप्रिम कोर्ट के केश संख्या डब्लू सी 82/2011 पर अपनी सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधिश के एस राधार्कषण व पिनाकि चैधरी द्वारा रेलवे बोर्ड को आदेश जारी कर निर्देश गया कि तीन सदस्य कमेटी का गठन कर ही कर्मचारियों और अधिकारियों कि तबादले कि जाये! वहीं इस आदेश के आलोक में रेलवे बोर्ड द्वारा ई 0 111/2014/पीएल/31/10/2013 को सभी जोन कार्यालय को पत्र भेज कर इस नियमावली को लागू करने का निर्देश दिया गया! लेकिन दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यालय में नियम बनाने वाले ही खुद नियम के विरुद्व कार्य कर रहे है! और आज तक तबादला कमंेटी का तीन सदस्य कमेटी का गठन नहीं किया गया! बगैर कमेटी का गठन किए हुए इनक कल्याण निरिक्षककों का तबादला किया गया जिनमे एम के दास, एन सी हलदर, एसभी आर मूर्ति, गौतम बनर्जी, सुधिर कुमार दास, समीर दत्ता, कमल नंनदी, एके विशवाष, अीपी महापात्रो, के के सिंह, डी बनर्जी, सुभाष दत्ता सममिल है! इन सभी लोगो 16 जनवरी को तबादला किया गया है और सभी को 30 जनवरी तक अपने अपने नये स्थान पर योगदान करने के लिए कहा गया है! इघर इस तबादले के विरोघ मे कर्मचारियों ने कोलकाता के ट्रिबनल कोर्ट में मामला दर्ज किया है कार्मिक विभाग के वरीय कार्मिक पदाघिकारी के विरुद्व!
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