रवि झा
जमशेदपुर।
अगर आप को आगरा का चाट या दिल्ली का चाट सहित अन्य शहरो के चाट खाना है तो आप को इन जगहो मे जाने की जरुरत है। आप शहर के जुबली पार्क के गेट के समीप जांएगे तो वहा पर लगे चाट व गोलगप्पे के ठेले मिल जांएगे जो शहरो के नाम से चाट दुकाने मिल जांएगे। और सबसे खासियत यह है कि जितने भी यहा गोलगोप्प या चाट के दुकाने है सभी के नाम शहर के नाम से ही है।
20 रुपया प्लैट है चाट , 10 रुपया के पांच गोलगप्पे
जुबली पार्क आने वाले सैलानी यहां आकर चाट खाना नही भुलते है। शहर के लोग के साथ बाहर से पर्यटक भी जुबली पार्क के घुम कर यहां चाट और गोल गप्पे का स्वाद लेते है। यहां पर चाट की कीमत मै मात्र 20 रुपये प्लैट और गोलगप्पे 10 रुपये मे पांच मिलते है। बैसे चाट भी कई तरह के बनाये जाते है। मीठा चाट,टिकीया चाट ,पापडी चाट सहित अन्य चाट भी यहां मिलते है।
शाम के चार बजे से लगती है दुकाने
इस जगह मे शाम के चार बजे के बाद ही दुकाने लगती है। रात के दस बजे तक दुकाने बंद हो जाती है। वैसे कई दुकाना चाट शाम के आठ बजे भी खत्म हो जाती है। वैसे दुकानदारो के द्वारा तैयारी दिन के 11 बजे से शुरु कर दी जाती है। दुकानदारो के अनुसार उनकी चार से पांच घंटे दुकान लगाने मे1000 रुपये से 1500 रुपये की कमाई हो जाती है।
आखिर क्यो दिया गया शहरो के नाम पर चाट के दुकानो का नांम
जुबली पार्क मे करीब तीस वर्षो से चाट बेच रहे चद्रेश्वर साव ने कहा कि वे यहां पर आगरा चाट के नाम से दुकान वे 30 वर्षो से लगा रहे है। उन्होने कहा कि आगरा चाट के नाम से दुकाने नाम दिए जाने का मुख्य कारण बड़े बड़े शहरो के नाम लोगो को काफी उस वक्त पसंद करते थे इस कारण उस वक्त हमन आगरा चाट का नाम दिया। पहले यहा पर पांच से छ दुकाने लगा करती थी लेकिन अब यहां सभी प्रकार के दुकाने लगती है। पहले शहर के लोग चाट खाने के लिए जुबली पार्क घुमने आते थे। घुमने के बाद वह चाट खा कर यहां से लौटते है। उन्होने कहा कि आज के महगाई युग मे मात्र 20रुपये प्लैट के कीमत से ही चाट मिलता है।
इस प्रकार वाराणसी चाट लगाने वाले तपन ने बताया कि उसके पिता जी ने इस चाट दुकान वाऱाण्सी चाट के नाम से दुकान का नाम रखा था। वही यहां पर आप आएगे तो कोलकोता चाट ,दिल्ली चाट अन्य शहरो के नाम से चाट के दुकाने मिल जाएगे।
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